ओशो- कृष्ण जैसी चेतना के जन्म के लिए समय, सभी काल, सभी परिस्थियां काम की हो सकती है। कोई कोई परिस्थित कृष्ण जैसी चेतना के पैदा होने का कारण नहीं होती है। यह दूसरी बात है कि किसी विशेष परिस्थिति में वैसी चेतना को विशेष व्यवहार करना पड़े। लेकिन ऐसी चेतनाएं काल निर्भर नहीं होती। […]Read More
ओशो- शिक्षकों की एक बड़ी विराट सभा में बोलने के लिए बुलाया गया “शिक्षक-दिवस” था। तो मैंने उनसे कहा कि एक शिक्षक यदि राष्ट्रपति हो जाए तो इसमें शिक्षक का सम्मान क्या है? इसमें कौन से शिक्षक का सम्मान है? मेरी समझ में आए, एक राष्ट्रपति शिक्षक हो जाए तब तो शिक्षक का सम्मान समझ […]Read More
बच्चों और युवाओं की बेहतर शिक्षा के लिए विधायक देवेंद्र यादव ने की पहल जल्द होगा लोकार्पण,सर्व सुविधा युक्त होगी लाइब्रेरी, ई बुक के साथ ही वाईफाई की भी होगी सुविधा भिलाई /दुर्ग जिले का पहला डिजिटल लाइब्रेरी खुर्सीपार श्रीराम चौक के पास में बन कर तैयार हो गया है। जिसका आज भिलाई नगर विधायक […]Read More
सम्मानित शिक्षक वृंद ने हर्ष जताते हुए गरिमामयी आयोजन को सराहा भिलाई / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सुपुत्र चैतन्य बघेल के हाथों भिलाई – चरोदा नगर निगम क्षेत्र के 360 शिक्षक और शिक्षिकाओं को सम्मानित किया गया। महापौर निर्मल कोसरे के संयोजन में आयोजित यह शिक्षक दिवस सम्मान समारोह भिलाई – चरोदा में भीड़ के […]Read More
ओशो- यह सुबह, यह वृक्षों में शांति, पक्षियों की चहचहाहट…या कि हवाओं का वृक्षों से गुजरना, पहाड़ों का सन्नाटा… या कि नदियों का पहाड़ों से उतरना… या सागरों में लहरों की हलचल, नाद… या आकाश में बादलों की गड़गड़ाहट—यह सभी ओंकार है।ओंकार का अर्थ है : सार—ध्वनि; समस्त ध्वनियों का सार। ओंकार कोई मंत्र नहीं, […]Read More
ओशो- एक बार एक राजा के मन में आया कि यदि वह इन तीन प्रश्नों के उत्तर खोज लेगा तो उसे कुछ और जानने की आवश्यकता नहीं रह जायेगी। राजा ने यह घोषणा करवाई कि जो भी व्यक्ति उपरोक्त प्रश्नों के सही उत्तर देगा उसे बड़ा पुरस्कार दिया जाएगा. यह सुनकर बहुत से लोग राजमहल […]Read More
स्त्रियां अपने शरीर की उतनी फिक्र नहीं करती हैं, जितनी
ओशो- धन, पद, बहुत स्थूल आकर्षण हैं। वे आकर्षण वैसे ही हैं, जैसे चुंबक के पास लोहा खिंचता है। ऐसे ही हम खिंचे चले जाते हैं। ध्यान रखना, आप चुंबक नहीं हैं। जब आप धन की तरफ खिंचते हैं, तो ध्यान रखना, धन आपकी तरफ कभी नहीं खिंचता है। आप ही धन की तरफ खिंचते […]Read More
ओशो- कोई इच्छाओ को दबाये बिना उन्हे कैसे काट सकता है? इच्छाएं सपने हैं, वे वास्तविकताएं नहीं हैं। तुम उन्हें परिपूर्ण नहीं कर सकते और तुम उन्हें दबा नहीं सकते, क्योंकि तुम्हारे किसी निश्रित चीज को परिपूर्ण करने के लिए उसके वास्तविक होने की जरूरत होती है। तुम्हारे किसी निशित चीज को दबाने के लिए […]Read More
•बच्चों को अपने माता पिता का मोबाइल number हमेशा याद रखना चाहिए । •अपनी निजी जानकारी जैसे फोटो,पासवर्ड, मोबाइल नंबर किसी अनजान व्यक्ति के साथ शेयर ना करें । भिलाई/ हमारी बेटियां हमारी शान है और वे ही प्रदेश के उज्जवल भविष्य की नींव हैं और इनकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है। जिस समाज की बेटियां […]Read More
ओशो- मैंने सुना है, एक अंधा और एक लंगड़ा दो मित्र थे—दोनों भिखारी। और दोनों की मित्रता एकदम जरूरी भी थी, क्योंकि एक अंधा था और एक लंगड़ा था। लंगड़ा चल नहीं सकता था, अंधा देख नहीं सकता था। तो अंधा चलता था और लंगड़ा देखता था। लंगड़ा अंधे के कंधों पर बैठ जाता, दोनों […]Read More