ओशो- तुम्हारा धर्म आत्मवंचना है। पृथ्वी पर जो इतने मंदिर—मस्जिद दिखाई पड़ते हैं, वे तुम्हारे धोखे का विस्तार हैं। जिस दिन तुम्हें यह दिखाई पड़ेगा, उस दिन तुम्हारी आंख भीतर लौटनी शुरू होगी। उस दिन तुम असली मंदिर खोजोगे। वह मंदिर तुम हो। इसलिए कबीर कहते हैं:“मो को कहां ढूंढो रे बंदे, मैं तो तेरे […]Read More
ओशो- मोरारजी देसाई जब जवान थे तो एक लड़की से शादी करना चाहते थे। पिता पक्ष में नहीं थे। बात इतनी बिगड़ गई कि पिता ने कुएं में कूद कर आत्महत्या कर ली!मोरारजी को बहुत लोगों ने समझाया कि शादी तो अब तुम कर ही लेना जिससे करनी है, लेकिन कम से कम अभी कुछ […]Read More
ओशो : प्रेम में ईष्या हो तो प्रेम ही नहीं है; फिर प्रेम के नाम से कुछ और ही रोग चल रहा है। ईष्या सूचक है प्रेम के अभाव की।यह तो ऐसा ही हुआ, जैसे दीया जले और अंधेरा हो। दीया जले तो अंधेरा होना नहीं चाहिए। अंधेरे का न हो जाना ही दीए के […]Read More
भिलाई नगर / आजादी के 76 वे वर्गगठ पर आज भिलाई नगर क्षेत्र में 76 किलोमीटर की तिरंगा यात्रा का पहला दिन था। क्षेत्र के युवा विधायक देवेंद्र यादव ने ‘भिलाई रंगे आजादी के रंग’ नारे के साथ आज तिरंगा यात्रा का शुभारंभ किया। हाथों में तिरंगा लिए और देश भक्ति गीत के साथ जनता […]Read More
ओशो- मंसूर निकल रहा है एक गली से, एक सूफी फकीर। फूल खिला है। खड़ा हो गया मंसूर। हाथ जोड़े, आकाश की तरफ देखा। उसके साधकों ने पूछा, यहां किसको हाथ जोड़ रहे हैं? कोई मस्जिद नजर नहीं आती! मैसूर ने कहा, फूल खिला हैं, प्रभु की कृपा! अन्यथा फूल कैसे खिल सकते हैं! यह […]Read More
ओशो- अभी रूस और अमरीका दोनों के वैज्ञानिक इस बात में उत्सुक हैं कि किसी भी तरह बिना किसी माध्यम के विचार संक्रमण के, टेलीपैथी के सूत्र खोज लिए जाएं। क्योंकि जब से लूना खो गया है उसके रेडियो के बंद हो जाने से यह खतरा खड़ा हो गया है कि मशीन पर अंतरिक्ष में […]Read More
ओशो- पहली बात, जिन्दगी पर ध्यान चाहिए। मेडीटेशन आन लाइफ, मौत पर नहीं। तो आदमी जवान से जवान होता चला जाता है। बुढ़ापे के अंतिम क्षण तक मौत द्वार पर भी खड़ी हो तो वैसा आदमी जवान होता है।दूसरी बात, जो आदमी जीवन में सुंदर को देखता है, जो आदमी जवान है; वह आदमी असुंदर […]Read More
Uniform Civil Code: The answer to gender disparity “Insha Warsi,
The debate around Uniform Civil Code (UCC) has suddenly gained momentum after the 22nd Law Commission of India recently sought the views Read More
ओशो- जब हम कहते है विकास तो उससे सा भ्रम पैदा होता है किस भी दिशाओं में विकास हो गया होगा, इवोल्यूशन हो गया होगा। आदमी की जिंदगी इतनी बड़ी चीज है, अगर आप एकाध चीज में विकास कर लेते हैं तो आपको पता ही नहीं चलता कि आप किसी दूसरी चीज में पीछे छूट […]Read More
ओशो- मैं जब छोटा था तो मेरे गांव में बहुत मदारी आते थे। फिर पता नहीं मदारी कहां चले गए! फिर मैं पूछने लगा कि मदारियों का क्या हुआ? मेरे गांव के बीच में ही बाजार है। उस बाजार में एक ही काम होता था: सुबह-शाम डमरू बज जाता। मदारी आते ही रहते, भीड़ इकट्ठी […]Read More