स्त्रियां अपने शरीर की उतनी फिक्र नहीं करती हैं, जितनी
ओशो- धन, पद, बहुत स्थूल आकर्षण हैं। वे आकर्षण वैसे ही हैं, जैसे चुंबक के पास लोहा खिंचता है। ऐसे ही हम खिंचे चले जाते हैं। ध्यान रखना, आप चुंबक नहीं हैं। जब आप धन की तरफ खिंचते हैं, तो ध्यान रखना, धन आपकी तरफ कभी नहीं खिंचता है। आप ही धन की तरफ खिंचते […]Read More