सम्भोग से समाधि की ओर (जीवन ऊर्जा रूपांतरण का विज्ञान) ओशो- यह मैं पहला चरण कहता हूं। ब्रह्मचर्य की साधना में, सेक्स के ऊपर उठने की साधना में, सेक्स की ऊर्जा के ट्रांसफार्मेशन के लिए पहला चरण है ध्यान। और दूसरा चरण है प्रेम। बच्चे को बचपन से ही प्रेम की दीक्षा दी जानी चाहिए। […]Read More
सम्भोग से समाधि की ओर (जीवन ऊर्जा रूपांतरण का विज्ञान) ओशो– बूढ़े लोग ध्यान की चेष्टा करते हैं दुनिया में, जो बिलकुल ही गलत है। ध्यान की सारी चेष्टा छोटे बच्चों पर की जानी चाहिए। लेकिन मरने के करीब पहुंच कर आदमी ध्यान में उत्सुक होता है! वह पूछता है–ध्यान क्या? योग क्या? हम कैसे […]Read More
सम्भोग से समाधि की ओर (जीवन ऊर्जा रूपांतरण का विज्ञान) ओशो- गांधीजी उन्नीस सौ तीस के करीब श्रीलंका गए थे। उनके साथ कस्तूरबा साथ थीं। संयोजकों ने समझा कि शायद गांधीजी की मां साथ आई हुई हैं, क्योंकि गांधीजी कस्तूरबा को खुद भी बा ही कहते थे। लोगों ने समझा कि शायद उनकी मां होंगी। […]Read More
सम्भोग से समाधि की ओर (जीवन ऊर्जा रूपांतरण का विज्ञान) ओशो- स्त्रियों को हम कहते हैं, पति को परमात्मा समझना! और उन स्त्रियों को बचपन से सिखाया गया है कि सेक्स पाप है, नरक है। वे कल विवाहित होंगी। वे उस पति को कैसे परमात्मा मान सकेंगी जो उन्हें सेक्स में और नरक में ले […]Read More
सम्भोग से समाधि की ओर (जीवन ऊर्जा रूपांतरण का विज्ञान) ओशो- नीत्शे ने एक वचन कहा है, जो बहुत अर्थपूर्ण है। उसने कहा है कि धर्मों ने जहर खिला कर सेक्स को मार डालने की कोशिश की थी। सेक्स मरा तो नहीं, सिर्फ जहरीला होकर जिंदा है। मर भी जाता तो ठीक था। वह मरा […]Read More
सम्भोग से समाधि की ओर (जीवन ऊर्जा रूपांतरण का विज्ञान) ओशो- मनुष्य की जाति को अगर हम नया द्वार न दे सकें तो मनुष्य एक रिपिटीटिव सर्किल में, एक पुनरुक्ति वाले चक्कर में घूमता है और नष्ट होता है। लेकिन आज तक सेक्स के संबंध में जो भी धारणाएं रही हैं, वे मनुष्य को सेक्स […]Read More
सम्भोग से समाधि की ओर (जीवन ऊर्जा रूपांतरण का विज्ञान) ओशो- क्या हम अपने भीतर परमात्मा को उघाड़ पाने में सफल हो सकते हैं? क्या हम वह प्रतिमा बनेंगे जहां परमात्मा की झलक मिले? यह कैसे हो सकता है–इस प्रश्न के साथ ही आज की दूसरी चर्चा मैं शुरू करना चाहता हूं। यह कैसे हो […]Read More
(सम्भोग से समाधि की ओर जीवन ऊर्जा रूपांतरण का विज्ञान) ओशो- एक छोटी सी कहानी से मैं अपनी बात शुरू करना चाहूंगा। बहुत वर्ष बीते, बहुत सदियां, किसी देश में एक बड़ा चित्रकार था। वह जब अपनी युवा अवस्था में था, उसने सोचा कि मैं एक ऐसा चित्र बनाऊं, जिसमें भगवान का आनंद झलकता हो। […]Read More
While exploring the intricacies of the Uniform Civil Code (UCC) some interesting aspects has recently captured my attention particularly in light of Read More
सम्भोग से समाधि की ओर जीवन ऊर्जा रूपांतरण का विज्ञान ओशो- एक मित्र ने मुझे लिखा कि आपने ऐसी बातें कहीं, कि मां के साथ बेटी बैठी थी, वह सुन रही है! बाप के साथ बेटी बैठी है, वह सुन रही है! ऐसी बातें सबके सामने नहीं करनी चाहिए। मैंने उनसे कहा, आप बिलकुल पागल […]Read More