ओशो– जीवन में सिद्धात थोपना जीवन को विकृत करना है। लेकिन हम सारे लोग सिद्धात थोपते हैं। कोई हिंसक है और अहिंसक होने की कोशिश कर रहा है; कोई क्रोधी है, शांत होने की कोशिश कर रहा है, कोई दुष्ट है, वह दयालु होने की कोशिश कर रहा है, कोई चोर है, वह दानी होने […]Read More
रायपुर/ रेल मंडल के सरोना-कुम्हारी के मध्य डाउन लाइन में PQRS Machine द्वारा स्लीपर बदलने एवं विशेष मरम्मत कार्य (समपार फाटक ओवरहौलिंग) स्थित परसदा समपार फाटक क्रमांक 429(किमी.840/2A-4A मध्य डाउन लाइन) परसदा रेलवे समपार फाटक सरोना – कुम्हारी में स्थित है. उक्त फाटक पर PQRS Machine द्वारा स्लीपर बदलने का कार्य दिन दिनांक 02 जून […]Read More
ओशो- हजारों-लाखों पक्षी हर साल यात्रा करते हैं हजारों मील की। सर्दियां आने वाली हैं, बर्फ पड़ेगी, तो बर्फ के इलाके से पक्षी उड़ना शुरू हो जाएंगे। हजारों मील दूर किसी दूसरी जगह वे पड़ाव डालेंगे। वहां तक पहुंचने में अभी उन्हें दो महीने लगेंगे, महीना भर लगेगा। अभी बर्फ गिरनी शुरू नहीं हुई, महीने […]Read More
ओशो– उन्नीस सौ चौबीस में एक घटना घटी। उन्नीस सौ चौबीस में जर्मनी में अणुविज्ञान के संबंध में शोध का पहला संस्थान निर्मित हुआ। अचानक एक दिन सुबह एक आदमी, जिसने अपना नाम फल्कानेली बताया, एक कागज में लिखकर कुछ दे गया। उस कागज में एक छोटी—सी सूचना थी कि मुझे कुछ बातें ज्ञात हैं, […]Read More
ओशो– वेदांत परम दृष्टि है, क्योंकि वह शून्य में पूर्ण को उतार लेती है। ध्यान का शास्त्र है, न कुछ देखने को है, न कोई देखनेवाला है। न दृश्य है, न दर्शन है। फिर विचार कहां उठता है? फिर विचार खो जाता है।लेकिन विचार का खो जाना पर्याप्त नहीं है। यही भक्तों में और ध्यानियों […]Read More
ओशो– ऐसा हुआ, मगीध नाम का एक यहूदी फकीर जंगल में भटक गया–कहानी है। कहानी बड़ी मीठी है। शैतान ने उसे भटका दिया। क्योंकि मगीध से शैतान बड़ा परेशान था। यह उसकी सुनता ही नहीं था। और हजार उपाय करता था, सब असफल हो जाते थे। तो मगीध और उसके एक शिष्य जो जंगल से […]Read More
ओशो– बड़ी पुरानी कहानी है। महाराष्ट्र में संत हुए रामदास। उन्होंने राम की कथा लिखी। वे लिखते जाते, और रोज लोगो को सुनाते जाते। कहते हैं, कथा इतनी प्यारी थी कि खुद हनुमान भी सुनने आते थे। छिपकर बैठ जाते भीड़ में।जब हनुमान सुनने आए तो बात कुछ राज की ही होगी, क्योंकि हनुमान ने […]Read More
प्रश्न : परमहंस रामकृष्ण के जीवन में दो उल्लेखनीय प्रसंग हैं। एक कि वे एक हाथ में बालू और दूसरे में चांदी के सिक्के रख कर दोनों को एक साथ गंगा में गिरा देते थे। और दूसरा कि जब स्वामी विवेकानंद ने उनके विस्तर के निचे चांदी का सिक्का छिपा दिया तो परमहंस देव बिस्तर […]Read More
ओशो- इच्छाओं के कारण गलत कर्म जीवन करने को मजबूर होता है। जो आदमी चोरी करता है, वह भी ऐसा अनुभव नहीं करता कि मैं चोर हूं। बड़े से बड़ा चोर भी ऐसा ही अनुभव करता है कि मजबूरी में मैंने चोरी की है; मैं चोर नहीं हूं। बड़े से बड़ा चोर भी ऐसा ही […]Read More
In a world often torn apart by religious and cultural strife, India stands out as a shining example of peaceful coexistence. Despite Read More