जिले के 23 सेजेस स्कूलों में शिक्षकों को दी जा रही है कम्प्यूटर कोडिंग का प्रशिक्षण
सभी विद्यालयों में हो बच्चों की शत प्रतिशत उपस्थिति, शिक्षक बच्चों की उपस्थिति में करें पीटीएम
दुर्ग/ कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा की अध्यक्षता में आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में शिक्षा विभाग एवं समग्र शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई। उन्होंने जिले के सभी विद्यालयों में सेजेस एवं नॉन सेजेस स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति शत प्रतिशत सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। उन्होंने ओरिएंटेशन प्रोग्राम के माध्यम से शिक्षकों को प्रोत्साहित करने को कहा ताकि वे निरंतर अपने-अपने स्कूलों में कुछ न कुछ स्कूल व विद्यार्थियों की बेहतरी को ध्यान में रखते हुए प्रयास करते रहें। जिले में गठित विषय विशेषज्ञों के समूह के द्वारा जिले के समस्त विषय शिक्षकों का एक दिवसीय ओरएिंटेशन प्रोग्राम अर्द्धवार्षिक परीक्षा के पश्चात किया जाएगा। बच्चों की विद्यालयों में शत प्रतिशत उपस्थिति के लिए बच्चों के पालकों की मीटिंग लेने को कहा, ताकि बच्चों के स्कूल नही आने की वजह प्राप्त हो सके। उन्होंने जिले में एकल शिक्षक स्कूल के तहत संचालित स्कूलों की जानकारी ली। उन्होंने सभी विद्यालय में उपस्थित शिक्षकों की जानकारी ली। इस पर शिक्षा अधिकारी ने बताया कि सभी स्कूलों में पर्याप्त शिक्षक उपस्थित हैं।
जिले के विषयवार बेस्ट शिक्षक का चिन्हांकन कर पीयर गु्रप की मदद से अन्य शिक्षकों की क्षमता में वृद्धि करने को कहा। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा विभिन्न विषयों के पीयरग्रुप के शिक्षकों को उनके विषय के विषयवस्तु के अनुरूप कंटेंट निर्माण, मॉडयूल, मासिक परीक्षा का प्रश्न पत्र निर्माण का कार्य दिया गया है। अभी तक 7 प्रश्नबैंक 06 मॉडयूल एंव 14 मासिक टेस्ट के प्रश्न तैयार कर लिए गए हैं। कलेक्टर ने शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए कि हिन्दी व अंग्रेजी माध्यम के कक्षावार एवं विषयवार इंटरएक्टिव वीडियो विषय विशेषज्ञों द्वारा वीडियो तैयार करने को कहा, ताकि बच्चों की विषय की मूलभूत अवधारणा स्पष्ट हो सके। शाला त्यागी बच्चों का चिन्हांकन एवं कार्ययोजना की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि तृतीय व द्वितीय श्रेणी से उत्तीर्ण होने वाले बच्चों को प्रथम श्रेणी में लाने का प्रयत्न किया जाए, ताकि वह अव्वल नंबर से परीक्षा उत्तीर्ण कर सके। उन्होंने 10वीं एवं 12वीं के परीक्षा परिणाम 50 प्रतिशत से कम आने वाले स्कूलों का निरीक्षण करने को कहा और शिक्षा स्तर में सुधार करवाने के निर्देश दिए। जिला शिक्षा अधिकारी श्री अभय जायसवाल ने बताया कि 10 सेजेस स्कूलों में स्पोकन इंग्लिश की कक्षाएं बच्चों को दी जा रही है। जिले में नवाचारी गतिविधियों के तहत जिले मंे चल रही कम्प्यूटर कोडिंग संचालित कक्षाओं की जानकारी ली, जिसके तहत प्रत्येक विद्यालय के कम्प्यूटर शिक्षक को कोडिंग का प्रशिक्षण दिया गया है। कम्प्यूटर शिक्षक के द्वारा विद्यालय में छात्र छात्राओं को विद्यालय समय सारणी के अनुसार कोडिंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह प्रशिक्षण विद्यालयों में ऑनलाईन माध्यम से नवगुरूकुल दिल्ली द्वारा संचालित की जा रही है। जिले के 23 सेजेस स्कूलों में यह कक्षाएं संचालित की जा रही है।
समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने शिक्षा विभाग में रिक्त पदों की भी जानकारी ली। समग्र शिक्षा के अंतर्गत शाला त्यागी बच्चों की जानकारी ली। प्राथमिक स्तर जिले में 17 बच्चे चिन्हांकित किए गए हैं इन बच्चों को बीआरसीसी प्रधान पाठक एवं संकुल समन्वयक के माध्यम से मुख्य धारा में प्रवेश करा दिया गया है। माध्यमिक स्तर में 15 से 19 वर्ष के 3418 शाला त्यागी बच्चे चिन्हांकित किए गए हैं, जिसमें से 2847 बच्चों को ओपन स्कूल परीक्षा से जोड़ा गया है।
कलेक्टर ने प्राइमरी स्कूलों में भी फोकस करने को कहा। बालबाड़ी की समीक्षा में दुर्ग जिले में 100 बालबाड़ी संचालित है, जिसमें बच्चों की संख्या 606 थी जो लगातार प्रयासों से वर्तमान में बच्चों की संख्या बढ़कर 675 हो गई है। समावेशी शिक्षा के तहत जिले में 3 से 18 आयु वर्ग के कुल 3083 बच्चे दिव्यांग बाधितावार हैं, जिनकों विभिन्न माध्यमों के द्वारा शिक्षित किया जा रहा है। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी श्री अभय जायसवाल, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी सहित समग्र शिक्षा के अधिकारी उपस्थित थे।