धर्म हमें जीने की प्रेरणा देती है वीरेंद्र सिंह बघेल

 धर्म हमें जीने की प्रेरणा देती है वीरेंद्र सिंह बघेल

गौरेला पेंड्रा मरवाही /वीरेंद्र सिंह बघेल अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कीआज सुबह सोसल मीडिया खोला तो देखा तो लोरमी ( खामी ) छत्तीसगढ़ का एक वीडियो देखा ,पहले इग्नोर किया फिर अंदर का एक लेखक लगा इसमें कुछ लिखूं क्योंकि कल अपने निजी निवास लोहारी मरवाही में भी ऐसा ही देखने को मिला ,हिंदू मुस्लिम एकता दिखाई दीएक तरफ गणेश विसर्जन के लिए हिंदू नवयुवक डीजे में डांस कर रहे थे दूसरी तरफ मुसलमान युवक अपने धुन में अपने फेस्टिवल का जश्न मना रहे एक तरफ उनका डीजे दूसरी तरह इनका डीजे ,ना दिल में कोई मलाल ना चेहरे में कोई गुस्सा ,एक दूसरे का सम्मान करते हुए ,यात्रा निकल गईवैसे इन विषय में मैं कभी लिखता नही क्योंकि अगर हर बात को हम इग्नोर करेंगे तो फिर इस समाज को हम क्या संदेश देंगेवैसे धर्म कोई भी बुरा नहीं होता है बल्कि उस धर्म की चादर ओढ़कर कुछ लोग धार्मिक बंटवारा करते हुए नज़र आते हैं. हिंदू मुस्लिम के बीच बढ़ती नफरत का पैमाना क्या है और इसपर लगाम कब लगेगी इसका तो अभी दूर दूर तक कोई अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है. हिंदू मुस्लिम एकता की बात करने वाले भी अब दूर दूर तक दिखाई नहीं देते हैं जबकि कभी हिंदू मुस्लिम भाई भाई का नारा गूंजा करता थासवाल ये नहीं है कि इस नफरत का अंत क्या होगा बल्कि सवाल यह है कि आखिर ये नफरत बढ़ती क्यों चली जा रही है.आगे ठाकुर वीरेंद्र सिंह बघेल ने कहा़ कीआज दोनों समुदाय के लोग एक दूसरे के सामने होते हैं तो बाहों में बाहें डालकर घूमते हैं और अलग होने पर ही एक दूसरे के धार्मिक बातों पर एक दूसरे को निशाने पर लेते हैं. ये एक बहुत बड़ा मुद्दा है जो देश को समय समय पर चोंट भी देता है, आपने दोनों समुदायों के बीच दंगे भी देखे हैं, दंगे के समय कोई बाहरी इंसान आपके घर में आग नहीं लगाता है बल्कि आपके क्षेत्र के लोग ही उस दंगे का हिस्सा होते हैं और ऐसा दोनों ही तरफ से होता है जहाँ लोग धर्म के नाम पर मर-मिटने को तैयार हो जाते हैं। एक-दूसरे के धर्म को श्रेष्ठ बताते हुए अन्य धर्म की आलोचना करते हैं ,यही गलत होता है जो विवाद का जड़ बनता हैमैं भी एक हिंदू हूं और अपना पूरा दिनचर्या वैसे ही जीता हूं,लेकिन जब मुझे दूसरे धर्म की abcd पता नही तो क्यों हम उस विषय में बोले ,मुझे लगता है ,धर्म जीना सिखाता है वो चाहे कोई भी धर्म हो ,उसका दिनचर्या सुबह उठते ही प्रारंभ होती है और रात सोते तक खत्म हो जाती है