जवाहर उत्कर्ष योजना चयन परीक्षा में शासकीय प्राथमिक शाला मुर्रा के नितिन गेंड्रे का हुआ चयन, दुर्ग जिले में द्वीतीय स्थान प्राप्त कर बढ़ाया क्षेत्र का मान

 जवाहर उत्कर्ष योजना चयन परीक्षा में शासकीय प्राथमिक शाला मुर्रा के नितिन गेंड्रे का हुआ चयन, दुर्ग जिले में द्वीतीय स्थान प्राप्त कर बढ़ाया क्षेत्र का मान

योजना के तहत चयनित बच्चों को राज्य के उत्कृष्ट स्कूलों में दाखिला मिलता है

दुर्ग/ जिले के धमधा ब्लाक के कुम्हारी संकुल अंतर्गत शासकीय प्राथमिक शाला मुर्रा के नितिन गेंड्रे का चयन जवाहर उत्कर्ष योजना के तहत परीक्षा में चयनित हुआ है। नितिन के जवाहर उत्कर्ष योजना में चयन से कुम्हारी संकुल अंतर्गत विद्यालयों और ग़ाँव में उत्साह का वातावरण बना है। जवाहर उत्कर्ष योजना में चयन होने पर संस्था के प्रधान पाठक श्रीमती प्रणाली उके शिक्षक जय कुमार शर्मा सीएसी मदन साहू संकुल प्राचार्य लता रघु कुमार ग्राम के सरपंच नागेश चंद्रवंशी सहित क्षेत्र शिक्षकों ने नितिन गेंड्रे के चयन पर हर्ष प्रकट करते हुये उज्जवल भविष्य की शुभकामाएं दी । बता दे आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित जवाहर उत्कर्ष योजना के अंतर्गत जिला मुख्यालय में चयन परीक्षा हुई। कक्षा 6 वीं एवं कक्षा 9 वीं में राज्य के उत्कृष्ट विद्यालयों में प्रवेश के लिए आयोजित इस चयन परीक्षा में जिले के सभी ब्लाकों के विद्यार्थी शामिल हुए। संकुल शैक्षिक समन्वयक कुम्हारी मदन लाल साहू ने बताया कि नितिन का चयन रूंगटा स्कूल कोहका भिलाई के लियॆ हुआ है जहा 12वी तक की शिक्षा एवं हास्टल व कोचिंग निःशुल्क दिया जाएगा आगे उन्होंने बताया कि छठवीं कक्षा में प्रवेश के लिए पांचवीं उत्तीर्ण छात्र-छात्राएं वहीं कक्षा 9 वीं में प्रवेश के लिए जिले के कक्षा आठवीं उत्तीर्ण छात्र-छात्राएं शामिल हुए थे। चयन परीक्षा को लेकर परीक्षार्थियों में काफी उत्साह देखने को मिला था परीक्षार्थियों को पाठ्यक्रम पर आधारित प्रश्न पूछे गए थे। क्या है जवाहर उत्कर्ष योजना- प्रतिभाओं को
योजना अंतर्गत अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति के कक्षा 5 वीं एवं 8 वीं उत्तीर्ण प्रतिभावान विद्यार्थियों का गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से विभाग द्वारा संचालित हो रही है। परीक्षा में चयन परीक्षण के प्राप्तांकों के मेरिट के आधार पर कक्षा 6 और 9 वीं में निर्धारित सीट के अनुसार बच्चों को स्कूल में एडमिशन दिया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में छिपे प्रतिभाओं को योजना के माध्यम से निखारा जाता है।
खर्च नहीं लगने के कारण पालकों में खुशी होती है सामान्य तौर पर देखा जाता है कि ग्रामीण क्षेत्रों के पालक अपने बच्चों को शिक्षा देने में दिलचस्पी नहीं दिखाते। इसके कई कारण है। पालकों द्वारा शिक्षा देने में दिलचस्पी नहीं दिखाने की वजह से बच्चों का सही विकास रुक जाता है। सबसे प्रमुख कारण आर्थिक कारण है। आर्थिक परेशानियों की वजह से पालक अपने बच्चों को उत्कृष्ट विद्यालय में शिक्षा देने में असमर्थ रहते है। इन्हीं परेशानियों काे देखते हुए जवाहर उत्कर्ष योजना चयन परीक्षा के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में छिपे प्रतिभाओं को निखारा जाता है ताकि बच्चें अपने योग्यता व काबिलियत को दिखा सकें। चयनित बच्चों को निशुल्क शिक्षा मिलेगी शिक्षा।
परीक्षा में चयनित अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को राज्य के चुनिंदा निजी उत्कृष्ट विद्यालय में अध्ययन करने का अवसर निशुल्क दिया जाता है। रायपुर, राजनांदगांव, धमतरी, दुर्ग, भिलाई, बिलासपुर सहित अन्य जिले के उत्कृष्ट स्कूलों में चयनित बच्चों को पढ़ने के लिए भेजा जाता है। जहां उन्हें पर्याप्त शिक्षा मिल सकें। चयनित छात्रों को कक्षा 6 वीं से 12 वीं तक अध्ययन करने निशुल्क अवसर दिए जाते है। वहीं 8 वीं उत्तीर्ण विद्यार्थियों को 9 वी से 12 वीं तक शिक्षा दी जाती है।