भारतीय अर्थव्यवस्था के समावेशी विकास की समस्याएं एवं संभावनायें
दुर्ग/शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्वशासी महाविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग द्वारा 13 सितंबर को व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। जिसमें प्रमुख वक्ता के रूप डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर अर्थशास्त्र विभाग के सेवानिवृत प्राध्यापक डॉ. केवल चन्द जैन ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज समाज का हर व्यक्ति स्वार्थी होता जा रहा है। अपने जिनी स्वार्थो की पूर्ति हेतु आर्थिक, सामाजिक और राजनैतिक स्तर पर घुसपैठ कर लिया है, एक तरफ व्यक्ति चांद पर जा रहा है, वहीं दूसरी समाज में बेरोजगारी एवं भुखमरी बढ़ती जा रही है। हम समाज को महात्मा गांधी के सपनों का भारत बनाना चाहते हैं। हमारी ओर से यह भावना बनी रहती है, कि हमारी प्रगति हो, हमें ऐसी नीति बनानी चाहिये जिससें समाज का सर्वांगीर्ण विकास हो। जब प्रदूषण को कम करने की बात करते है तो हम लकड़हारों को पकड़ते है, हम उन लोगो पर हाथ नहीं लगाते जो माफिया के रूप में कोई व्यक्ति हो या कोई देश हो। हमारे देश में कहीं न कहीं यह भाव है कि अन्य देशों की भांति हमारा भी विकास हो। आज समाज में आय की असमानता तेजी से बढ़ रही है। आज देश में 100 अमीरों के पास लगभग 13 लाख करोड़ आय है दूसरी तरफ गरीब लोग दम तोड़ रहे हैं। देश का युवा उच्च सस्थानों में पढ़ाई करता है और ऊंची महात्वाकांक्षा के कारण विदेशों मंे बस जाता है। अब तक लगभग 14 लाख लोग भारत की नागरिकता छोड़ चुके है। हमारा अर्थशास्त्री के रूप में यह सोच है कि लोग कार्य करें और सम्मान जनक जीवन जीये।पंण्डित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. रविन्द्र ब्रम्हे ने वैश्विक चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुये कहा कि आज दुनिया का हर देश परेशान नजर आ रहा है। आज विश्व में हिन्दुस्तान की आबादी नंबर एक पर है। विश्व में सबसे ज्यादा युवा भारत में हैं।हमारी जी.डी.पी. 6 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ रही है जो बहुत अच्छी बात है। आज शिक्षा में परिवर्तन का लक्ष्य रखागया है जो 2030 तक सम्पूर्ण भारत में लागू हो जायेगा। हमने देश में हर क्षेत्र में सुविधाए बढ़ाने की कोशिश की है। आज हम विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की तैयारी में हैं। हम सभी वर्ग को सभी सुविधायें उपलब्ध कराने का प्रयास किया है। हमने मनरेगा जैसी योजनाए चलाई जिससे अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिल सके। देश के 27 प्रतिशत युवाओं में क्षमता है जो अपने देश के विकास में अहम भूमिका निभा सके। आज हमारी जरूरत यह है कि हम लोकल मार्केट से ग्लोबल मार्केट की जरूरतों को पूरा कर सकें। जी-20 के महत्व पर प्रकाश डालते हुवे उन्होने कहा कि जब-जब समस्याऐं आई तब तब ऐसे संगठन बने।महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आर. एन. सिंह ने विश्व स्तर पर बढ़ती अस्थिरता पर चिंता व्यक्त की तथा इसे दूर करने में जी-20 की भूमिका की सराहना की। अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. शिखा अग्रवाल ने सभी अतिथियों का सम्मानकिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. के. पद्मावती ने किया तथा आभार प्रदर्शन डॉ. अंशुमाला चन्दनगर ने किया। इस अवसर पर विभाग के डॉ. ए.के. खान, डॉ. एल.के. भारती एवं महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक तथा छात्र-छात्राऐं उपस्थित रहे।