अनुसूचित जनजाति आयोग सदस्य अर्चना पोर्ते ने मरवाही विधायक के दावेदारी हेतु आवेदन सौपा,समर्थकों में हर्ष व्याप्त

 अनुसूचित जनजाति आयोग सदस्य अर्चना पोर्ते ने मरवाही विधायक के दावेदारी हेतु आवेदन सौपा,समर्थकों में हर्ष व्याप्त

गौरेला पेन्ड्रा मरवाही / मिशन 2023 विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल पार्टी सत्ता साधने में जुटे हुए हैं, राजनीतिक गलियारों में विधानसभा चुनाव को लेकर माहौल गर्म हो गया है,उसी दिशा में छत्तीसगढ़ की चर्चित और ऐतिहासिक विधानसभा सीट मरवाही से विधायक के लिए प्रत्याशियो के द्वारा दावेदारी के लिए आवेदन प्रस्तुत किया जा रहा है, उसी क्रम में आदिवासी कांग्रेस नेत्री राज्य अनसूचित जनजाति आयोग सदस्य अर्चना पोर्ते ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ विधानसभा चुनाव 2023 के मरवाही विधानसभा के प्रत्याशी के लिए दावेदारी हेतु आवेदन ब्लॉक कांग्रेस कमेटी गौरेला अध्यक्ष अमोल पाठक के समक्ष आवेदन पत्र जमा किए हैं,इस मौके पर कांग्रेस नेता ज्ञानेंद्र उपाध्याय, शंकर कंवर सहित तमाम सैकड़ों समर्थक उपास्थितरहे,बता दें कांग्रेस नेत्री राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग सदस्य अर्चना पोर्ते जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही में राजनीतिक पृष्ठभूमि में बहुत ही सशक्त माने जाते हैं, आदिवासियों के जन सरकार की मुद्दों को लेकर मुखर होकर आवाज बुलंद करती है,साथ ही वे सदैव महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हैं,कांग्रेस नेत्री राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग सदस्य अर्चना पोर्ते ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि,मेरे पूज्य पिता जी स्व० डॉ० भंवर सिंह पोर्ते जी जो मरवाही विधानसभा के अस्तित्व उपरांत के 04 बार से विधायक निर्वाचित हुए सन् 1972, 1977, 1980, 1990 में हुए एवं कैबिनेट एवं राज्य मंत्री अभिभाजित मध्य प्रदेश मे रहे. साथ ही कॉंग्रेस विभाजन के समय 1978 में कॉंग्रेस के 10 विधायको को दल मे बनाये रखने के लिए महत्वपूर्ण योगदानविभाजन के बाद कॉंग्रेस की पार्टी में बने रहे, एवं पार्टी कार्य करते हुए कई बार जेल यात्रा की किये। वर्ष 1978-79 मे म0प्र0 युवक कॉंग्रेस के अध्यक्ष भी रहे। साथ ही गाँधी परिवार से हमेशा जुड़े रहे इस कारण से उन्हें उस परिवार से स्नेह भी मिलता रहा। जिन्होने शिक्षा हेतु उनके विशेष प्रयास से डॉ० भंवर सिंह पोर्ते महाविद्यालय पेण्ड्रा की नींव रखी जिसमें लगभग आज 2 से 3 पीढ़ी उच्च शिक्षा अध्यन कर चुके है। इसके साथ ही स्कूल शिक्षा एवं खेल प्रतिभा को बढ़ाने हेतु उनके द्वारा सन् 1980 से गुरूकुल विद्यालय की स्थापना कराये। सिचाई कार्य हेतु अनेक डेम की स्थापना भी किये साथ ही आदिवासी वर्ग के लिए परियोजना कार्यालय एवं अनुसूचित क्षेत्रो का चिन्हांकित कर जन जाति वर्ग के लिए नौकरी एवं चुनाव में सीटे आरक्षित कराये एवं उनके द्वारा आदिवासी विकास परिषद की समाजिक संस्था की गठन कर अपने साथ जनजाति वर्ग के लोगो को जोड़े रखे। साथ ही मेरे पूज्य माता जी  हेमवंत पोर्ते अभिभाजित म.प्र. एवं छ.ग. मे प्रथम राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रही उनके द्वारा भी मरवाही विधानसभा क्षेत्र मे अनेक जनहित व समाज हित के कार्य किये गये। जिसके कारण हमारे परिवार के प्रति लोगो की स्नेह व सहानुभूमि रहती है साथ ही राजनैतिक क्षेत्र मे देखना भी चाहते है। 90 दशक के बाद स्व. अजीत जोगी जी से हमारे परिवारिक मतभेद व मेरे ताऊ जी स्व. स्वरूप सिंह पोर्ते(आई.ए.एस.) के द्वारा फर्जी जाति प्रमाण पत्र अजीत जोगी का शिकायत किया गया था. जिन कारणो से हम लोगो को मतभेद व व्यक्तिगत बैमनस्ता के कारण राजनीति में नहीं आने दिये व अन्य दल में कुछ वर्ष के लिए रहे।साथ ही मेरे पति शंकर सिंह कंवर जो लंबे वर्षो तक पंचायत में सरपंच ग्राम पंचायत गिरवर, जिला पंचायत सदस्य, उपाध्यक्ष, सभापति जिला पंचायत बिलासपुर में रहे जिनका लाभ वर्तमान में मरवाही चुनाव में मिलेगा।