Career in Pharmacy (फार्मेसी में करियर) “प्रो. स्वर्णाली दास पॉल”
भिलाई/ बाहरवीं के बाद सबसे अच्छा करियर क्या है?
अगर आपने 12वीं विज्ञान या गणित विषय में किया है, तो हम आपको सबसे बेहतर विकल्प बता रहे है। करियर के हिसाब से फार्मेसी बहुत ही बढ़िया विकल्प है। फार्मेसी क्या हैं? इस कोर्स में कैसे दाखिला लें? एवं सारे जॉब विकल्प के लिए यह आर्टिकल जरूर पढ़ें।
फार्मेसी क्या है?
फार्मेसी = औषध निर्माण विज्ञान। चिकित्सा पद्वति में औषिधि की खोज एवं उसका निर्माण करना ही ‘फार्मेसी’(Pharmacy) कहलाता है। इसके अंतर्गत औषधियों का ज्ञान तथा उनका संयोजन ही नहीं वरन् उनकी पहचान, संरक्षण, निर्माण, विश्लेषण एवं उसका प्रमाणन भी हैं। नई दवाईयों का आविष्कार तथा संश्लेषण फार्मेसी के प्रमुख कार्य होते हैं।
फार्मासिस्ट का क्या काम है?
फार्मासिस्ट, डॉक्टर और मरीजों के बीच की महत्वपूर्ण कड़ी है।
फार्मेसी का कोर्स कितने साल का होता है?
मुख्य रूप से फार्मेसी में चार कोर्स होते हैं, पहला- डिप्लोमा इन फार्मेसी, दूसरा- बैचलर ऑफ़ फार्मेसी, तीसरा- मास्टर ऑफ़ फार्मेसी और चौथा- फार्मा डी. (डॉक्टरेट इन फार्मेसी) है। अतः विस्तार से इन चारों कोर्सेज का विवरण नीचे दिया गया है।
डी. फार्मा (D. Pharma)
डी. फार्मेसी का मतलब फार्मेसी में डिप्लोमा होता है। यह कोर्स करने के लिए आपके 12वीं में विज्ञान एवं मैथ्स विषय में न्यूनतम योग्यता 45% होनी चाहिए और इसके बाद कॉलेज में सीधे प्रवेश होता है, जैसे कि श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, भिलाई, छत्तीसगढ़ में आप सीधे प्रवेश ले सकते है। यह कोर्स दो साल का होता है। इस कोर्स को करने के बाद फार्मासिस्ट का लाइसेंस मिलता हैं। जिससे आप मेडिकल शॉप खोल सकते हैं। इस कोर्स को करने के बाद सरकारी एवं निजी अस्पतालों, संस्थाओं में फार्मासिस्ट जॉब के लिए भी आवेदन कर सकते है, जैसे सीसीएल और आयुष विभाग में बहुत से जॉब विकल्प मौजूद है।
बी. फार्मा (B. Pharma)
बी. फार्मा यानि बैचलर ऑफ़ फार्मेसी चार साल की स्नातक डिग्री है। जिसमे पूरी तरह से दवाइयों व ड्रग्स की जानकारी दी जाती है। यह कोर्स करने के लिए आपको बायोलॉजी एवं मैथ्स विषय में 12वीं कक्षा पास होना ज़रूरी हैं साथ ही विज्ञान एवं मैथ्स विषय में कम से कम 45% अंकों के साथ उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा PPHT परीक्षा करवाई जाती है। किसी भी कॉलेज में इस परीक्षा के अनुसार ही प्रवेश होता हैं, लेकिन कुछ कॉलेजों में सीधे प्रवेश दिया जाता है, जैसे कि श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी भिलाई, छत्तीसगढ़ उनमें से एक है।
यहाँ प्रवेश लेने के लिए किसी प्रवेश परीक्षा की ज़रूरत नही है बल्कि 12वीं की अंकतालिका के आधार पर सीधे प्रवेश दिया जाता है। यदि आपने डी. फार्मेसी किया है, तो आपको सीधे द्वितीय वर्ष में बी. फार्मा में प्रवेश मिल सकता है। फार्मेसिस्ट एक हेल्थ केयर प्रोफेशनन्स है, जो दवाओं के निर्माण, विश्लेषण और वितरण में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। फार्मेसिस्ट, डॉक्टर और मरीजों के बीच की महत्वपूर्ण कड़ी है।
बी. फार्मेसी कोर्स आपको एक स्नातक डिग्री प्रदान करता है, जो चार साल का होता है। बैचलर ऑफ़ फार्मेसी कोर्स करने के बाद आप एक Pharmacist या फिर Chemist की Dream Job कर सकते हैं। बहुत-सी बहुराष्ट्रीय कंपनियों (MNC) में भी क्लीनिकल रिसर्च, फार्मा को-विजीलेंस, मेडिकल राइटिंग और मेडिकल कोडिंग जैसी जॉब्स मिलती है।
एम. फार्मा (M. Pharma)
एम. फार्मा यानी मास्टर इन फार्मेसी चार वर्ष का कोर्स है। इस कोर्स को करने के लिए सबसे पहले आपको फार्मेसी में स्नातक होना ज़रूरी है। एम. फार्मा में प्रवेश लेने के लिए आपको Graduate Pharmacy Aptitude Test (GPAT) देना होगा, लेकिन कुछ कॉलेज में सीधे प्रवेश मिलता है, जैसा कि श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी भिलाई। यहां पर GPAT परीक्षा ज़रूरी नही है। बी. फार्मा की फाइनल ईयर मार्कशीट के आधार पर यहां सीधे प्रवेश मिलता है।
फार्मा डी. (Pharma D)
फार्मा डी. यानी Doctor of Pharmacy यह कोर्स भी बहुत ज्यादा लोकप्रिय हो रहा है। फार्मेसी के क्षेत्र में यह एकमात्र ऐसा डॉक्टरेट डिग्री कोर्स है, जिसे बारहवीं के बाद आप कर सकते हैं। इस कोर्स को करने के लिए छह साल का समय लगता है। फार्मा डी. कोर्स में आपको पांच साल तक एकेडमिक पढ़ाई करनी होती है तथा एक साल फार्मेसी के क्षेत्र में ट्रेनिंग करना होता है। इस कोर्स को करने के बाद छात्र अपने नाम के आगे डॉक्टर लिख सकते है।
फार्मेसी कोर्स करने के बाद क्या करे?
फार्मेसी कोर्स के बाद क्या करें इस तरह के सवाल अक्सर छात्रों द्वारा पूछे जाते है। इसीलिए फार्मेसी करने के बाद कुछ सवालों के जवाब नीचे दिए गए हैं-
एक अच्छे फार्मासिस्ट बनकर आप किसी भी सरकारी या फिर निजी हॉस्पिटल में हॉस्पिटल फार्मासिस्ट के रूप में काम कर सकते है।
फार्मासिस्ट को तीन प्रकार से लाइसेंस मिल सकता है। पहला- केमिस्ट शॉप लाइसेंस यानी आप उसके साथ मेडिकल स्टोर आदि खोल सकते हैं। दूसरा- ड्रग मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस यानी आप उसके साथ दवाइयों का उत्पादन कर सकते हैं। तीसरा- लाइसेंस होता है दवाइयों के थोक विक्रेता का लाइसेंस।
आप विभिन्न जॉब प्रोफाइल Pharmaceutical Industry में जॉब कर सकते है, जैसे कि साइंटिस्ट, रिसर्च ऑफिसर और Production Person आदि।
इसके बाद Community Pharmacist में भी करियर का एक अच्छा विकल्प है या फिर Scientific Officer और Home Health Care Provider के रूप में भी आप अपना करियर बना सकते है।
बी. फार्मा एवं एम. फार्मा के बाद बहुत सारी बहुराष्ट्रीय कंपनियों (MNC) में भी क्लिनिकल रिसर्च, फार्मा को-विजिलेंस मेडिकल राइटिंग और मेडिकल कोडिंग में भी बहुत अच्छा स्कोप है, जैसे टीसीएस। बी. फार्मा एवं एम. फार्मा करके सरकारी एवं निजी शिक्षण संस्थानों में भी आप एक महत्वपूर्ण जॉब कर सकते हैं।
बी. फार्मा करने के बाद आप गवर्नमेंट जॉब के लिए भी आवेदन कर सकते हैं, जिसके लिए ग्रेजुएशन की डिग्री एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया में आती है। रेलवे फार्मासिस्ट की नौकरी के लिए बी. फार्मा किए हुए छात्र आवेदन कर सकते हैं।
बहुत से छात्र फार्मा मार्केटिंग में करियर बनाते हैं। फार्मा मार्केटिंग ऐसे छात्रों के लिए ज्यादा लाभकारी होता है, जिनकी कम्युनिकेशन स्किल अच्छी होती है, मार्केटिंग में इंटरेस्ट हो और कम समय में ज्यादा से ज्यादा सैलरी व अचीवमेंट करना चाहते है।
अगले 10 वर्षों में फार्मेसी का भविष्य क्या है?
फार्मासिस्ट एक चिकित्सक के समान भूमिका निभाने में सक्षम होंगे और अपने परामर्श कार्य को पूरा करने के लिए एआई का उपयोग करेंगे। फार्मासिस्ट आर्टिफिशल इंटेलीजेंस (एआई) द्वारा दवाओं के निर्माण एवं रोगियों को चिकित्सा सलाह देकर दवा देने का कार्य करेंगे-
अभिनव समाधान खुदरा फार्मासिस्ट को पूरी तरह से बदल सकते हैं और रोगियों को उसी दिन डिलीवरी जैसे अतिरिक्त विकल्प प्रदान कर सकते हैं, जो रोबोट या चालक रहित कारों द्वारा किया जा सकता है। टेली हेल्थ और डिस्पेंसिंग मशीनें फार्मास्युटिकल विकल्पों को दूसरों के लिए अधिक सुलभ बना सकती हैं।
जिस तरह से चिकित्सा स्थितियों के उपचार के लिए संपर्क किया जाता है, वह अधिक पारंपरिक फार्मास्युटिकल समाधानों के संयोजन में डिजिटल चिकित्सीय साथ ही साथ अन्य उन्नत तकनीकों को प्राथमिकता देने से हट सकता है।
डिजिटल चिकित्सा की ओर मुड़ने के साथ, डिजिटल चिकित्सा विज्ञान के अधिक पारंपरिक दवा उपचारों के साथ आने की संभावना है। डिजिटल चिकित्सीय को अक्सर व्यवहार-परिवर्तनशील, शारीरिक या दवा-विशिष्ट के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। वे मौजूदा उपचार विकल्पों के सहायक साथी के रूप में काम कर सकते हैं और रोगियों के लिए पहला विकल्प बन सकते हैं।