साइबर ठगी से बचने सतर्कता और जागरूकता दोनों ही जरूरी

 साइबर ठगी से बचने सतर्कता और जागरूकता दोनों ही जरूरी

भिलाई/ विकसित भारत में जहां एक और डिजिटलीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है वहीं दूसरी ओर साइबर अपराध अपने चरम सीमा पर है। तरह-तरह की झांसा देकर ठग आम लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं ऐसे में हमें चाहिए कि न सिर्फ जागरूकता बनाए रखें बल्कि साइबर सुरक्षा के संदर्भ में आवश्यक जानकारी भी रखें। इससे किसी भी तरह के साइबर फ्रॉड से हम बच सकें। साइबर ठगी से बचने के लिए सतर्कता के साथ ही जागरूकता भी जरूरी है। यह कहना है साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट आरिफ हुसैन खान का।

भिलाई तीन निवासी आरिफ हुसैन खान साइबर अपराध से लोगों को बचाने के लिए जागरूकता अभियान भी चला रहे हैं, विभिन्न आयोजनों में एवं सार्वजनिक मंचों पर पहुंच कर उनके द्वारा ऐसी जानकारियां साझा की जाती है, जिससे आम आदमी साइबर ठगों की गिरफ्त में आने से स्वयं को बचा सके।
आरिफ हुसैन खान बताते हैं कि साइबर अपराध जिसे ऑनलाइन धोखाधड़ी भी कहा जाता है। वर्तमान दौर में आम बात हो गई है जिसमें ठग अलग-अलग तरीके से आम लोगों को साइबर धोखाधड़ी का शिकार बना रहे हैं।

इस तरह से हो रही ठगी

आरिफ ने बताया कि वर्तमान में कई तरह से ऑनलाइन ठगी का तरीका साइबर अपराधी अपना रहे हैं। इसमें यूपीआई फ्रॉड, क्यूआर कोड के माध्यम से धोखाधड़ी, लिंक भेज कर धोखाधड़ी, व्यक्ति को डिजिटल अरेस्ट करके धोखाधड़ी, गूगल रिव्यू एवं केवाईसी के नाम पर भी धोखाधड़ी की जा रही है।

शिक्षित व्यक्ति भी हो रहे शिकार

साइबर अपराध में यूपीआई, क्यूआर
कोड, यूपीआई लिंक के द्वारा ठगी सामान्य बात हो गई है परंतु इसमें आश्चर्यचकित करने वाली बात यह है कि इस तरह के ठगी में शिक्षित व्यक्ति भी शिकार बनते जा रहे हैं। जो चिंता करने वाली बात है।

झांसे में आने से ऐसे बचे
आरिफ ने बताया कि साइबर अपराध करने वाला व्यक्ति आपकी निजी मोबाइल नंबर पर लिंक भेज कर अथवा व्हाट्सएप ऐप पर कर कोड को भेजता है और आपसे आपके रिश्तेदार दोस्त या परिचित वाला बनाकर व्हाट्सएप अथवा कल अथवा एसएमएस मार्ग के माध्यम से बातचीत करने का प्रयास करता है इस दौरान उसके द्वारा दुर्घटना अथवा अन्य भावनात्मक मनगढ़ंत कहानी गढ़कर आपसे मदद लेने की पूरी कोशिश करता है। यदि आप उसके झांसे में आ जाते हैं तो उसके द्वारा भेजे गए कर कोड को स्कैन या लिंक करते ही आपके बैंक खाते से पैसा कट जाता है। इसके साथ ही आप ऑनलाइन धोखाधड़ी के शिकार हो जाते हैं। आरिफ ने बताया कि किसी भी अनजान व्यक्ति द्वारा भेजे गए लिंक पर क्लिक न करें और नहीं उसके द्वारा भेजे गए कर कोड को स्कैन करें आपकी निजी मोबाइल नंबर पर आया हुआ अनजान कॉल भी उठाने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि वह किसी परिचित का है अथवा नहीं और सतर्क हो जाए। अपना ओटीपी अथवा पिन कोड किसी से भी शेयर ना करें।

शिकार होने पर यह तत्काल करें

यदि आप साइबर फ्रॉड के शिकार हो जाते हैं तो समय रहते अपनी शिकायत साइबर सेल में करें। बैंक से राशि ट्रांसफर होने से पहले ही आप साइबर सेल के 1930 पर संपर्क करें, और सारी जानकारी उपलब्ध कराएं, आप सतर्क रहेंगे तो ही सुरक्षित रह सकेंगे।