ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में 582 स्वच्छता दीदियों का सराहनीय योगदान,सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज में दुर्ग नगर निगम को देश में छठवां स्थान हुआ प्राप्त हुआ
राज्य शासन के एक वर्ष निगम क्षेत्र में 1304 कैम्प, 89 हज़ार से अधिक हितग्राहियों का स्वास्थ्य परीक्षण,21 हज़ार से अधिक मरीजों का निशुल्क रक्त जांच, 73.5 हज़ार मरीजों को निशुल्क दवाइयां
दुर्ग/ नगर पालिक निगम सीमा क्षेत्र अंतर्गत राज्य शासन के एक वर्ष की उपलब्धि शहर क्षेत्रो में मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना नगर निगम दुर्ग क्षेत्र अंतर्गत 04 सामान्य एमएमयू तथा 01 दाई-दीदी क्लिनिक द्वारा वार्डों में शिविर का आयोजन किया जा रहा है।
बीते 1 वर्ष अंतर्गत मोबाइल मेडिकल युनिट के माध्यम से कुल 1304 कैम्प का आयोजन दुर्ग निगम क्षेत्र अंतर्गत किया गया है जिसमे कुल 89 हज़ार से अधिक हितग्राहियों ने अपना स्वास्थ्य परीक्षण कराया साथ ही 21 हज़ार से अधिक मरीजों का निशुल्क रक्त जांच किया गया उपचार उपरांत मेडिकल टीम द्वारा 73.5 हज़ार मरीजों को दवाइयां उपलब्ध करवाई गई।।
योजना के माध्यम से पिछले 01 वर्ष में कुल 32191 पुरुषों , 48527 महिलाओं, 8944 बच्चों एवं 15 तृतीय लिंग को निःशुल्क चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाई गई।इस प्रकार पुरषों की तुलना में 60% अधिक महिलाओं ने योजना का लाभ प्राप्त किया है।
ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में 582 स्वच्छता दीदियों का सराहनीय योगदान
शासन की एक वर्ष की उपलब्धि में निगम सीमा अंतर्गत में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में 582 स्वच्छता दीदियों का सराहनीय योगदान,निगम क्षेत्र में खाद निर्माण एवं विक्रय तथा सूखे अपशिष्ट के पुनर्चक्रीकरण से प्राप्त आय से स्वच्छता दीदियों की आर्थिक स्थिति में सुधार इसके अलावा स्वच्छ भारत मिशन एवं राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अभिसरण से स्वच्छता दीदियों को आजीविका के अवसर प्राप्त हुए के साथ ही सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज में दुर्ग नगर निगम को देश में छठवां स्थान प्राप्त हुआ।
योजना अंतर्गत मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से गर्भवती महिलाओं, किशोरी बालिकाओं, स्कूल एवं महाविद्यालय की छात्राओं के लिए विशेष शिविर के माध्यम स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है।साथ ही सफाई मित्र सुरक्षा शिविर के माध्यम वार्डों में कार्यरत सभी (स्वास्थ्य कर्मियों) स्वच्छता दीदियों का निःशुल्क जांच शिविर के माध्यम से किया जा रहा है।इस प्रकार उपरोक्त योजना शहर के गरीब, मजदूर, कमजोर आयवर्ग एवं जरूरतमंद परिवारों विशेषकर बुजुर्गों, महिलाओं, बालिकाओं एवं बच्चों के लिए वरदान सिद्ध हुई है एवं इलाज में होने वाले जांच और उपचार से परिवार पर पड़ने वाले आर्थिक मार से मुक्ति हुई है। इस कारण लाभान्वित जनता के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों द्वारा भी इस योजना की सराहना की जा रही है।