ओशो– दुनिया में छोटे अपराधी जेलखानों में मिलेंगे; बडे़ अपराधियों के नाम पर इतिहास लिखे जाते हैं! नेपोलियन, और सिकंदर, और चंगेज़, और नादिर, और स्टैलिन, और हिटलर, और माओ–सब हत्यारे हैं। लेकिन उनके नाम पर इतिहास लिखे जाते हैं। उनकी गुण-गाथाएं गायी जाती हैं।
छोटे-मोटे अपराधी जेलों में सड़ते हैं। बडे़ अपराधी इतिहास के निर्माता हो जाते हैं। तुम्हारा सारा इतिहास बडे़ अपराधियों की कथाओं का इतिहास है, और कुछ भी नहीं। असली इतिहास नहीं है। असली इतिहास लिखा नहीं गया। असली इतिहास लिखा जा सके, ऐसी अभी मनुष्य की चित्तदशा नहीं है।
अगर असली इतिहास लिखा जा सके, तो बुद्ध होंगे उस इतिहास में, महावीर होंगे, कबीर होंगे, नानक होंगे, दादू होंगे, मीरा होगी, सहजो होगी। क्राइस्ट, जरथुस्त्र, लाओत्सु और च्वांग्त्सू–ऐसे लोग होंगे। रिंझाई, नारोपा, तिलोपा–ऐसे लोग होंगे। फ्रांसिस, इकहार्ट, थेरेसा–ऐसे लोग होंगे। मोहम्मद, राबिया, बायजीद, मंसूर–ऐसे लोग होंगे।
लेकिन ऐसे लोगों का कुछ पता नहीं चलता। फुट नोट भी इतिहास में उनके लिए नहीं लिखे जाते। उनका नाम भी लोगों को ज्ञात नहीं है! इस पृथ्वी पर अनंत संत हुए हैं, उनका नाम भी लोगों को ज्ञात नहीं है। और वे ही असली इतिहास हैं। वे ही असली नमक हैं पृथ्वी के। उनके कारण ही मनुष्य में थोडी़ गरिमा और गौरव है ।