आचार्य श्री विद्यासागर को मिले भारतरत्न के साथ विश्वरत्न का सम्मान, हजारो लोगों ने संतशिरोमणी को दी विनयांजलि

 आचार्य श्री विद्यासागर को मिले भारतरत्न के साथ विश्वरत्न का सम्मान, हजारो लोगों ने संतशिरोमणी को दी विनयांजलि

दुर्ग/ संत शिरोमणि जैनाचार्य 108 विद्यासागर जी मुनि महाराज को रविवार को शिवपारा स्थित ऋषम देव परिसर मे सभी समाज के हजारो लोगों व जनप्रतिनिधियों ने विनयांजलि दी। इस दौरान अधिकतर लोगों ने आचार्य को अमूल्य पूजी बताया और उन्हें भारत रत्न के साथ विश्वरत्न से सम्मानित किए जाने की बात कही।जन प्रतिनिधियों व समाज प्रमुखों का कहना था कि आचार्य जी के व्यक्तित्व व योगदान का शब्दों में उल्लेख करना सूरज को दीपक दिखाने के समान है। आचार्य जी ने गाँसेवा स्वावलंबन व शिक्षा सहित अनेक अनुकरणीय कार्य किए है।नगर निगम महापौर धीरज बाकलीवाल ने शहर में आचार्यश्री की प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा की। आचार्य श्री विद्यासागर जी की सल्लेखना पूर्वक समाधि विगत अष्टमी तिथि 17 फरवरी को धर्मनगरी चंद्र‌गिरि तीर्थ डोंगरगढ़ में हो गई थी आचार्य जी को विनयांजलि देने विधायक गजेंद्र यादव,पूर्व मंत्री ताम्रध्वज साहू, विधायक ललित चन्द्राकर,संघ के पूर्व संचालक बिसरा राम यादव,पूर्व विधायक अरुणवोरा,प्रतिमा चंद्राकर,राजेन्द्र साहू,महापौर धीरज बाकलीवाल,सभापति राजेश यादव,डोंगरगढ़ से ब्रम्हचारी अरुण भैया,मनोज ब्रम्हकुमारी से चैतन्य दीदी,खेमा मध्यानी,श्री चंद लेखनानी,चतुर्भुज राठी, क्षितिज चंद्राकर,अरविन्दर खुराना,आर एन वर्मा एवं नगर निगम के समी पार्षदगणों के साथ जैन समाज के अजय जैन, महेन्द्र दुग्गड़, उज्ज्वल पाटनी,मनोज पहाडिया सजलकाला,राकेश छाबडा,संदीप लुहाड़िया,नवीन जैन,आशीष जैन दीपक जैन,नीता जैन,सपन जैन,श्रेणिक कोठारी,अमोल जैन,प्रकाश गोलछा एवं ब्राम्हण समाज के सुरेन्द्र शर्मा,शिव चंद्राकर,ज्ञानचंद पाटनी सहित सभी लगभग सभी धर्म व समाज के लोग शामिल हुए।