ओशो- शासन से बड़ा अपराधी संसार में कोई भी नहीं। क्योंकि जब तुम अपराध को न्याय के नाम पर करते हो तब करने का मजा ही और हो जाता है। बड़े से बड़े अपराधी को भी पीड़ा अनुभव होती है। उसका भी अंतःकरण कभी उसे कहता है, चोट करता है; उसके अंतःकरण में भी कभी […]Read More
आलसी शासन: शासन एक अपरिहार्य बुराई है, ए नेसेसरी ईविल;
ओशो- शासन का मूलभूत हिंसा है; शासन अहिंसक नहीं हो सकता। इसलिए शासन है तो बीमारी। शासन औषधि नहीं है; उपचार का धोखा है। शासन भी वही करता है जिस बुराई को कि शासन मिटाना चाहता है। एक आदमी हत्या करता है तो शासन उसे फांसी देता है। हत्या मिटती नहीं, हत्या दो गुनी हो […]Read More
कृष्ण कहते हैं, जहां-जहां ऐश्वर्य, जहां-जहां विभूति, जहां-जहां कांति, जहां-जहां
ओशो- जो शब्द चुने हैं, एक तो है ऐश्वर्य, विभूति, कांति, शक्ति, वे सब संयुक्त हैं। शक्ति का अर्थ है, ऊर्जा, एनर्जी। एक छोटे—से बच्चे में शक्ति दिखाई पड़ती है। एक के में शक्ति क्षीण हो गई होती है, उस अर्थों में जैसी बच्चे में दिखाई पड़ती है। इसलिए जो शक्ति की खोज कर रहे […]Read More
ओशो– सुना है मैंने कि ईश्वर ने सारी सृष्टि बना डाली, फिर उसने आदमी बनाया। वह बड़ा खुश था। सारी दुनिया उसने बना डाली। बहुत खुश था। सब कुछ सुंदर था। फिर उसने आदमी बनाया। और उस दिन से वह बेचैन और परेशान हो गया। आदमी ने उपद्रव शुरू कर दिए। आदमी के साथ उपद्रव […]Read More
ओशो- तुमने कभी गौर किया, बाएं हाथ का उपयोग करने वाले लोगों को दबा दिया जाता है! अगर कोई बच्चा बाएं हाथ से लिखता है, तो तुरंत पूरा समाज उसके खिलाफ हो जाता है माता पिता, सगे संबंधी, परिचित, अध्यापक सभी लोग एकदम उस बच्चे के खिलाफ हो जाते हैं। पूरा समाज उसे दाएं हाथ […]Read More
भिलाई/ छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में भिलाई चरोदा नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत उम्दा रोड स्थित ओशो आश्रम में गुरूवार संध्या 7 बजे तीन दिवसीय ध्यान शिविर “मन ही पूजा मन ही धूप” का उद्घाटन जबलपुर से आए शिविर संचालक स्वामी अनादि अनंत के द्वारा किया गया। शिविर में उपस्थित साधकों ने ध्यान और नृत्य उत्सव […]Read More
ओशो– इंद्रियासक्ति शरीर को विकृत व्यवस्था दे जाती है। ऐसा व्यक्ति, जिसकी इंद्रिय की आसक्ति नहीं है, उसको भी भूख लगेगी। लेकिन भूख शुद्ध होगी। और भूख वहीं तक होगी, जहां तक आवश्यकता है। और आवश्यकताएं बहुत कम हैं। वासनाएं अनंत हैं; आवश्यकताएं बड़ी सीमित हैं। स्वाद का कोई अंत नहीं। भोजन तो बहुत थोड़ा […]Read More
क्वार नवरात्रि के दौरान पदयात्रियों के सुरक्षित आवागमन के लिए
दुर्ग/ जितेन्द्र शुक्ला (पुलिस अधीक्षक) दुर्ग के द्वारा दर्शन के लिए डोगरगढ़ जाने वाले पदयात्रियों एवं वाहन चालको के सुरक्षित आवागमन के लिए दिये गये निर्देश पर ऋचा मिश्रा (अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक) यातायात एवं सतीष ठाकुर, सदानंद विध्यराज उप पुलिस अधीक्षक( यातायात) के नेतृत्व में दुर्ग पुलिस द्वारा कुम्हारी से अंजोरा बाईपास तक सुरक्षित कोरिडोर […]Read More
ओशो- प्रेम की मौलिक समस्या है पहिले विकसित और परिपक्व बनना, तब तुम एक विकसित साझीदार खोज लोगे और तब अविकसित लोग तुम्हें ज़रा भी आकर्षित नहीं करेंगे। यह ठीक उसी तरह होगा जैसे यदि तुम पच्चीस वर्ष की आयु के हो तो तुम एक दो वर्ष की बेबी के प्रेम नहीं पड़ोगे ठीक इसी […]Read More
ओशो- मन में जैसे ही उठती है वासना, वैसे ही अशुचि प्रवेश कर जाती है। मन में जैसे ही उठती है कामना, वैसे ही मन गंदगी से भर जाता है। मन में जैसे ही उठी इच्छा कि ज्वर, फीवर प्रवेश कर जाता है। उत्तप्त हो जाता है सब। अस्वस्थ हो जाता है सब। कंपनशील हो […]Read More