ओशो– वैज्ञानिक कहते हैं कि जब तुम किसी की तरफ बहुत प्रेम से देखते हो तो तुम्हारे भीतर से एक ऊर्जा उसकी तरफ बहती है। अब इस ऊर्जा को नापने के भी उपाय हैं। तुम्हारी तरफ से एक विशिष्ट ऊष्मा, गर्मी उसकी तरफ प्रवाहित होती है ठीक वैसे ही जैसे विद्युत के प्रवाह होते हैं; […]Read More
ओशो– सुना है मैंने, राजस्थान में एक लोक-कथा है। एक गांव में गांव के राजपूत सरदार ने गांवभर में खबर रख छोड़ी है कि कोई मूंछ बड़ी न करे। खुद मूंछ बड़ी कर रखी है। और अपने दरवाजे पर तख्त डालकर बैठा रहता है। और गांव में खबर कर रखी है कि कोई मूंछ ऊंची […]Read More
ओशो– धर्म को कौन मारता है? नास्तिक तो नहीं मार सकते.नास्तिक की क्या बिसात! लेकिन झूठे आस्तिक मार डालते हैं। और झूठे आस्तिकों से पृथ्वी भरी है। झूठे धार्मिक मार डालते हैं। और झूठे धार्मिकों का बड़ा बोल—बाला है। मंदिर उनके, मस्जिद उनके,गिरजे उनके,गुरुद्वारे उनके. झूठे धार्मिक की बडी सत्ता है! राजनीति पर बल उसका-पद […]Read More
ओशो- अगर ओठों पर मुस्कुराहट हो, तो भी कारण भीतर है। आंखों में आंसू हों, तो भी कारण भीतर है। जिसने देखा कि कारण बाहर है, वही अधार्मिक है। जिसने यह बात समझ ली कि मेरी जिंदगी में जो भी घट रहा है वह मेरा ही कृत्य है, वह मेरे ही होश और जतन या […]Read More
ओशो– वह आदमी व्यर्थ जी रहा है, जिसके पास एक घंटा भी अपने लिए नहीं है। वह आदमी जी ही नहीं रहा, जो एक घंटा भी अपनी इस भीतर की खोज के लिए नहीं लगा रहा है। क्योंकि आखिर में जब सारा हिसाब होता है, तो जो भी हमने शरीर के तल पर कमाया है, […]Read More
ओशो-“क्या है तुम्हारे झूठ का राज? अहंकार। अहंकार सरासर झूठ है। ऐसी कोई चीज कहीं है ही नहीं।” कितने झूठ तुमने बना रखे हैं! लड़का बड़ा होगा, शादी होगी, बच्चे होंगे, धन कमाएगा, यश पाएगा, और तुम मर रहे हो! और तुम्हारे बाप भी ऐसे ही मरे, किं तुम बड़े होओगे, कि शादी होगी, कि […]Read More
ओशो– स्वयं को भी नहीं जीत पाए! और जो व्यक्ति स्वयं को जीते बिना और सारी जीत की योजना बनाता है, उससे ज्यादा विक्षिप्त और कौन होगा! अगर जीत की ही यात्रा करनी है, तो पहले स्वयं की कर लेनी चाहिए। स्वयं को न जीतने का क्या अर्थ है? अगर मैं आपसे कहूं कि आज […]Read More
ओशो– सारी दुनिया शब्द पर रुकी है। कोई कुरान के शब्द पर रुका है, वह अपने को मुसलमान कहता है। कोई गीता के शब्द पर रुका है, वह अपने को हिंदू कहता है। कोई बाइबिल के शब्द पर रुका है, वह अपने को ईसाई कहता है। लेकिन ये शब्दों पर रुके हुए लोग हैं। दुनिया […]Read More
अलग-अलग दिशा से आने वाले वाहनो के लिए अलग अलग पार्किग स्थल रहेगा ग्राम नंदकट्ठी से पथरिया चौक तक माल वाहक/भारी वाहनों का आवागमन पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा दुर्ग/ दिनांक 7 अक्टूबर से ग्राम कोड़िया धमधा रोड) में होने वाले शिव महापुराण कथा स्थल का निरीक्षण कर एवं अधिक संख्या में आने वाली भीड़ को देखते […]Read More
ओशो– जैसे पतंजलि के बिना भारत में योग की कोई संभावना न रह जायेगी; जैसे बुद्ध के बिना ध्यान की आधारशिला उखड़ जायेगी; जैसे कृष्ण के बिना प्रेम की अभिव्यक्ति को मार्ग न मिलेगा—ऐसे गोरख के बिना उस परम सत्य को पाने के लिये विधियों की जो तलाश शुरू हुई, साधना की जो व्यवस्था बनी,वह […]Read More