ओशो- नानक ने एक अनूठे धर्म को जन्म दिया है, जिसमें गृहस्थ और संन्यासी एक हैं। और वही आदमी अपने को सिख कहने का हकदार है, जो गृहस्थ होते हुए संन्यासी हो, संन्यासी होते हुए गृहस्थ हो।सिख होना बड़ा कठिन है। गृहस्थ होना आसान है। संन्यासी होना आसान है, छोड़कर चले जाओ जंगल में। सिख […]Read More
ओशो- तुमने कभी गौर किया, बाएं हाथ का उपयोग करने वाले लोगों को दबा दिया जाता है! अगर कोई बच्चा बाएं हाथ से लिखता है, तो तुरंत पूरा समाज उसके खिलाफ हो जाता है माता पिता, सगे संबंधी, परिचित, अध्यापक सभी लोग एकदम उस बच्चे के खिलाफ हो जाते हैं। पूरा समाज उसे दाएं हाथ […]Read More
ओशो- लाओत्से कहता है….’सोने और हीरे से जब भवन भर जाए, तब मालिक उसकी रक्षा नहीं कर सकता है’ मालिक अपनी संपत्ति की तभी तक रक्षा कर सकता है, जब तक गरीब हो; जब तक इतनी संपत्ति हो कि जिसकी रक्षा वह स्वयं ही कर सके। जिस दिन संपत्ति की रक्षा के लिए दूसरों की […]Read More
ओशो- भविष्य का संघर्ष मनुष्य और मशीन के बीच होने वाला है… याद रखें कि अब ऐसे कंप्यूटर उपलब्ध हैं जो मानव मस्तिष्क द्वारा किए जा सकने वाले सभी कार्य कर सकते हैं। भविष्य में लगभग निश्चित रूप से यह कहा जा सकता है कि ऐसे कंप्यूटर उपलब्ध होंगे जो मानव मस्तिष्क से भी बेहतर […]Read More
जो सुख-दुःख तुमने दूसरों को दिए हैं, वे हजारगुना होकर
ओशो- मैं एक गांव में ठहरा हुआ था। उस रात उस गांव में एक बड़ी अनूठी घटना घट गयी, फिर मैं उसे भूल न सका। छोटा गांव, बस एक ही ट्रेन आती और एक ही ट्रेन जाती, तो दो बार स्टेशन पर चहल-पहल होती। आने वाली टे्रन दिन को बारह बजे आती, जाने वाली ट्रेन […]Read More
ओशो- एक छोटी सी कहानी है…एक बहुत बड़ा जौहरी मर गया। उसकी पत्नी ने बहुत दिनों तक कुछ पत्थरों को कीमती मान कर, समझ कर तिजोरी में छिपा रखा था। जौहरी के मर जाने पर भी वह निश्चित थी अपनी संपत्ति के लिए। बहुत संपत्ति उसके पास थी। लड़का था एक, बड़ा होगा। बहुत संपत्ति […]Read More
ओशो : ॐ को चुनने के दो कारण हैं। एक तो, एक ऐसे शब्द की तलाश थी जिसका अर्थ न हो, जिसका तुम अर्थ न लगा पाओ; क्योंकि अगर तुम अर्थ लगा लो तो वह पांचवें के इस तरफ का हो जाएगा। एक ऐसा शब्द चाहिए था जो एक अर्थ में मीनिंगलेस हो। हमारे सब […]Read More
ओशो- कल्पना क्या है? यह किसी धारणा में इतना गहरे चले जाना है कि वह धारणा ही वास्तविकता बन जाए। उदाहरण के लिए, तुमने एक विधि के बारे में सुना होगा। जो तिब्बत में प्रयोग की जाती है। वे उसे ऊष्मा योग कहते है। सर्द रात है, बर्फ गिर रही है। और तिब्बतन लामा खुले […]Read More
भगवान शिव द्वारा माता पार्वती को आत्म साक्षात्कार के लिए
ध्वनि-संबंधी अंतिम विधि:‘’अपने नाम की ध्वनि में प्रवेश करो, और उस ध्वनि के द्वारा सभी ध्वनियों में।‘’ ओशो- मंत्र की तरह नाम का उपयोग बहुत आसानी से किया जा सकता है। यह बहुत सहयोगी होगा, क्योंकि तुम्हारा नाम तुम्हारे अचेतन में बहुत गहरे उतर चुका है। दूसरी कोई भी चीज अचेतन की उस गहराई को […]Read More
दुनिया में छोटे अपराधी जेलखानों में मिलेंगे; बडे़ अपराधियों के
ओशो– दुनिया में छोटे अपराधी जेलखानों में मिलेंगे; बडे़ अपराधियों के नाम पर इतिहास लिखे जाते हैं! नेपोलियन, और सिकंदर, और चंगेज़, और नादिर, और स्टैलिन, और हिटलर, और माओ–सब हत्यारे हैं। लेकिन उनके नाम पर इतिहास लिखे जाते हैं। उनकी गुण-गाथाएं गायी जाती हैं। छोटे-मोटे अपराधी जेलों में सड़ते हैं। बडे़ अपराधी इतिहास के […]Read More