जीवन की अपनी व्यवस्था है, उसका अपना अनुशासन है “ओशो”
ओशो- अस्तित्व अनिश्चित है, असुरक्षित है, खतरनाक है। वह एक प्रवाह है —चीजें सरक रही हैं, बदल रही हैं। यह एक अपरिचित संसार है; परिचय पा लो उसका। थोड़ा साहस रखो और पीछे मत देखो, आगे देखो; और जल्दी ही अनिश्चितता स्वयं सौंदर्य बन जाएगी, असुरक्षा सुंदर हो उठेगी। वस्तुत: केवल असुरक्षा ही सुंदर होती […]Read More