सम्भोग से समाधि की ओर (जीवन ऊर्जा रूपांतरण का विज्ञान) ओशो- एक छोटा सा गांव था। उस गांव के स्कूल में शिक्षक राम की कथा पढ़ाता था। करीब-करीब सारे बच्चे सोए हुए थे। राम की कथा सुनते समय बच्चे सो जाएं, यह आश्चर्य नहीं। क्योंकि राम की कथा सुनते समय बूढ़े भी सोते हैं। इतनी […]Read More
ओशो– रैदास में कुछ रस है, कुछ सुगंध है— जो मदहोश कर दे। रैदास से बहती है कोई शराब, कि जिसने पी वही डोला। और रैदास अड्डा जमा कर बैठ गए थे काशी में, जहां कि सबसे कम संभावना है जहां का पंडित पाषाण हो चुका है। सदियों का पांडित्य व्यक्तियों के हृदयों को मार […]Read More
दुर्ग/ संत शिरोमणी जैनाचार्य 108 श्री विद्यासागर जी महामुनिराज की सल्लेखना पूर्वक समाधि विगत अष्टमी तिथि 17 फरवरी को धर्म नगरी चंद्रगिरि तीर्थ क्षेत्र डोंगरगढ़ में हो गई थी। ऐसे अपराजेय साधक, महान संत का सल्लेखना पूर्वक समाधि छत्तीसगढ़ की धरा पर होना, विश्व पटल पर छत्तीसगढ़ का अमिट स्थान बनाता है। इसी तारतम्य में […]Read More
सम्भोग से समाधि की ओर (जीवन ऊर्जा रूपांतरण का विज्ञान) ओशो- बुद्ध के पास एक भिक्षु कुछ वर्षों से दीक्षित था। एक दिन बुद्ध ने उससे पूछा कि भिक्षु, तुम्हारी उम्र क्या है? उस भिक्षु ने कहा, मेरी उम्र? पांच वर्ष! बुद्ध कहने लगे, पांच वर्ष? तुम तो कोई सत्तर वर्ष के मालूम पड़ते हो! […]Read More
श्रीरामलला दर्शन योजना के क्रियान्वयन के लिए प्रक्रिया शुरू, अयोध्या
दुर्ग/ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देशन में श्रीरामलला दर्शन योजना के क्रियान्वयन के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। योजना के संबंध में पर्यटन विभाग ने कलेक्टरों को विस्तृत दिशा निर्देश जारी कर दिये हैं। इसमें श्रीरामलला दर्शन (अयोध्या धाम) या़त्रा के लिए यात्रियों की समुचित व्यवस्था के संबंध में विस्तार से बताया गया […]Read More
सम्भोग से समाधि की ओर (जीवन ऊर्जा रूपांतरण का विज्ञान) ओशो- एक फकीर के बाबत मुझे खयाल आता है। एक छोटा सा फकीर का झोपड़ा था। रात थी, जोर से वर्षा होती थी। रात के बारह बजे होंगे, फकीर और उसकी पत्नी दोनों सोते थे, किसी आदमी ने दरवाजे पर दस्तक दी। छोटा था झोपड़ा, […]Read More
सम्भोग से समाधि की ओर (जीवन ऊर्जा रूपांतरण का विज्ञान) ओशो- जो मां कहती है, मुझसे प्रेम कर, क्योंकि मैं मां हूं, वह प्रेम नहीं सिखा रही। उसे यह कहना चाहिए कि यह तेरा व्यक्तित्व, यह तेरे भविष्य, यह तेरे आनंद की बात है कि जो भी तेरे मार्ग पर पड़ जाए, तू उससे प्रेमपूर्ण […]Read More
सम्भोग से समाधि की ओर (जीवन ऊर्जा रूपांतरण का विज्ञान) ओशो- यह मैं पहला चरण कहता हूं। ब्रह्मचर्य की साधना में, सेक्स के ऊपर उठने की साधना में, सेक्स की ऊर्जा के ट्रांसफार्मेशन के लिए पहला चरण है ध्यान। और दूसरा चरण है प्रेम। बच्चे को बचपन से ही प्रेम की दीक्षा दी जानी चाहिए। […]Read More
सम्भोग से समाधि की ओर (जीवन ऊर्जा रूपांतरण का विज्ञान) ओशो– बूढ़े लोग ध्यान की चेष्टा करते हैं दुनिया में, जो बिलकुल ही गलत है। ध्यान की सारी चेष्टा छोटे बच्चों पर की जानी चाहिए। लेकिन मरने के करीब पहुंच कर आदमी ध्यान में उत्सुक होता है! वह पूछता है–ध्यान क्या? योग क्या? हम कैसे […]Read More
सम्भोग से समाधि की ओर (जीवन ऊर्जा रूपांतरण का विज्ञान) ओशो- गांधीजी उन्नीस सौ तीस के करीब श्रीलंका गए थे। उनके साथ कस्तूरबा साथ थीं। संयोजकों ने समझा कि शायद गांधीजी की मां साथ आई हुई हैं, क्योंकि गांधीजी कस्तूरबा को खुद भी बा ही कहते थे। लोगों ने समझा कि शायद उनकी मां होंगी। […]Read More