सम्भोग से समाधि की ओर (जीवन उर्जा रुपांतरण का विज्ञान) ओशो- स्त्री तृप्त होने लगती है मां बन कर–क्यों? उसने एक आध्यात्मिक तल पर सेक्स का अनुभव कर लिया बच्चे के साथ। और इसीलिए मां और बेटे के पास एक आत्मीयता है। मां अपने प्राण दे सकती है बेटे के लिए। मां बेटे के प्राण […]Read More
सम्भोग से समाधि की ओर (जीवन उर्जा रुपांतरण का विज्ञान) ओशो- पश्चिम मन के साथ प्रयोग कर रहा है, इसलिए विवाह टूट रहा है, परिवार नष्ट हो रहा है। मन के साथ विवाह और परिवार खड़े नहीं रह सकते। अभी दो वर्ष में तलाक है, कल दो घंटे में तलाक हो सकता है। मन तो […]Read More
सम्भोग से समाधि की ओर (जीवन उर्जा रुपांतरण का विज्ञान)ओशो– एक मित्र ने पूछा है कि मैंने कहा कि काम का रूपांतरण ही प्रेम बनता है। तो उन्होंने पूछा है कि भगवान, मां का बेटे के लिए प्रेम–क्या वह भी काम है, वह भी सेक्स है? और भी कुछ लोगों ने इसी तरह के प्रश्न […]Read More
सम्भोग से समाधि की ओर (जीवन उर्जा रुपांतरण का विज्ञान) ओशो- मित्रों ने बहुत से प्रश्न पूछे हैं। सबसे पहले एक मित्र ने पूछा है कि भगवान, मैंने बोलने के लिए सेक्स या काम का विषय क्यों चुना है? इसकी थोड़ी सी कहानी है। एक बड़ा बाजार है। उस बड़े बाजार को कुछ लोग बंबई […]Read More
अमेरिका के मनोवैज्ञानिकों ने हिसाब लगाया है कि न्यूयार्क जैसे
सम्भोग से समाधि की ओर (जीवन ऊर्जा रूपांतरण का विज्ञान) ओशो- आइंस्टीन से किसी ने पूछा था कि तीसरे महायुद्ध में क्या होगा? आइंस्टीन ने कहा कि तीसरे के बाबत कुछ भी नहीं कहा जा सकता, लेकिन चौथे के संबंध में मैं कुछ कह सकता हूं। पूछने वालों ने कहा, आश्चर्य! आप तीसरे के संबंध […]Read More
सम्भोग से समाधि की ओर (जीवन ऊर्जा रूपांतरण का विज्ञान) ओशो- मैं इस संदर्भ में आपसे यह कहना चाहता हूं कि स्त्री और पुरुष दो अपोजिट पोल्स हैं विद्युत के–पाजिटिव और निगेटिव, विधायक और नकारात्मक दो छोर हैं। उन दोनों के मिलन से एक संगीत पैदा होता है; विद्युत का पूरा चक्र पैदा होता है। […]Read More
अवसाद, क्रोध, अनिद्रा, मानसिक एवं शारीरिक विकार सहित अन्य विकारों
ओशो सक्रिय ध्यान के लाभ- आंतरिक शांति और मौन, बेहतर ध्यान और एकाग्रता, हमारे आस-पास के सभी लोगों पर शांत प्रभाव। तनाव प्रबंधन हमारे तनाव प्रतिरोध को बढ़ाकर और हमें परेशान करने वाली चीजों के प्रति हमारी प्रतिक्रियाओं को बदलकर।आदतों और व्यसनों से मुक्ति। समय के साथ ध्यान से आनंद की अनुभूति ध्यान करने वालों […]Read More
सम्भोग से समाधि की ओर (जीवन ऊर्जा रूपांतरण का विज्ञान) ओशो- मैंने दो सूत्र कहे। तीसरी एक भाव-दशा चाहिए संभोग के पास जाते समय, वैसी भाव-दशा जैसे कोई मंदिर के पास जाता है। क्योंकि संभोग के क्षण में हम परमात्मा के निकटतम होते हैं। इसीलिए तो संभोग में परमात्मा सृजन का काम करता है और […]Read More
सम्भोग से समाधि की ओर (जीवन ऊर्जा रूपांतरण का विज्ञान) ओशो- एक बात, पहली बात स्पष्ट कर लेनी जरूरी है वह यह कि यह भ्रम छोड़ देना चाहिए कि हम पैदा हो गए हैं इसलिए हमें पता है–क्या है काम, क्या है संभोग। नहीं, पता नहीं है। और नहीं पता होने के कारण जीवन पूरे […]Read More
सम्भोग से समाधि की ओर (जीवन ऊर्जा रूपांतरण का विज्ञान) ओशो- यही बात मैं सेक्स के संबंध में भी आपसे कहना चाहता हूं हम कुछ भी नहीं जानते हैं। आप बहुत हैरान होंगे। आप कहेंगे, हम यह मान सकते हैं कि ईश्वर के संबंध में कुछ नहीं जानते, आत्मा के संबंध में कुछ नहीं जानते; […]Read More