प्रश्न: भगवान, अंधे धृतराष्ट्र को युद्ध की रिपोर्ताज निवेदित करने वाले संजय की गीता में क्या भूमिका है? संजय क्या क्लेअरवायन्स, दूर-दृष्टि या क्लेअरआडियन्स, दूर-श्रवण की शक्ति रखता था? संजय की चित्-शक्ति की गंगोत्री कहां पर है? क्या वह स्वयंभू भी हो सकती है? ओशो- कुछ दिनों पहले स्कैंडिनेविया में एक व्यक्ति किसी दुर्घटना में […]Read More
गीता की यह अद्भुत कहानी एक अंधे व्यक्ति की जिज्ञासा
धृतराष्ट्र ने कहा: हे संजय, मेरे दुर्योधन जैसे पुत्र और युधिष्ठिर जैसे पांडु पुत्र, जो युद्ध की इच्छा से धर्म के उस कुरूक्षेत्र में एकत्र हुए थे, उन्होंने क्या किया? ओशो- धृतराष्ट्र आंख से अंधे हैं। लेकिन आंख के न रहने से वासना नहीं बुझती; आँख के न रहने से इच्छा नहीं मिटती। मैं चाहता […]Read More
ओशो– हिरण कश्यप पिता है, पिता से ही पुत्र आता है, पुत्र पिता में ही छिपा है, पिता बीज है, पुत्र उसी का अंकुर है, हिरण कश्यप को भी पता नहीं कि मेरे घर भक्त पैदा होगा, मेरे घर और भक्त सोच भी नहीं सकता, मेरे प्राणों से आस्तिकता जन्मेगी, इसकी कल्पना भी नहीं कर […]Read More
ओशो– अगर सब उद्देश्य छोड़ सको तो इससे बड़ा कोई उद्देश्य नहीं हो सकता। अगर प्रकृति जैसे हो सको तो सब हो गया। लेकिन आदमी अप्राकृतिक हो गया है, इसलिए वापस लौटने के लिए, उसे प्रकृति तक जाने के लिए भी उद्देश्य बनाना पड़ता है। यह दुर्भाग्य है। वही तो मैं कह रहा हूं कि […]Read More
सम्भोग से समाधि की ओर (जीवन उर्जा रुपांतरण का विज्ञान) ओशो- मैंने तो सुना है कि चीन में एक बार एक बड़ी प्रतियोगिता हुई और उस प्रतियोगिता में चीन के सबसे बड़े झूठ बोलने वाले लोग इकट्ठे हुए। झूठ बोलने की प्रतियोगिता थी कि कौन सबसे बड़ा झूठ बोलता है, उसको पहला पुरस्कार मिल जाएगा। […]Read More
सम्भोग से समाधि की ओर (जीवन उर्जा रुपांतरण का विज्ञान) ओशो- एक मित्र ने पूछा है कि भगवान, अगर इस भांति सेक्स विदा हो जाएगा तो दुनिया में संतति का क्या होगा? अगर इस भांति सारे लोग समाधि का अनुभव करके ब्रह्मचर्य को उपलब्ध हो जाएंगे तो बच्चों का क्या होगा? जरूर इस भांति के […]Read More
हिंदुस्तान में सारी दुनिया से ज्यादा उपदेशक क्यों हैं? महात्माओं
सम्भोग से समाधि की ओर (जीवन उर्जा रुपांतरण का विज्ञान) ओशो- गांव में चिकित्सक की तभी तक जरूरत है, जब तक लोग बीमार पड़ते हैं। जिस दिन आदमी बीमार पड़ना बंद कर देगा, उस दिन चिकित्सक को विदा कर देना पड़ेगा। तो हालांकि चिकित्सक ऊपर से बीमार का इलाज करता हुआ मालूम पड़ता है, लेकिन […]Read More
सम्भोग से समाधि की ओर (जीवन उर्जा रुपांतरण का विज्ञान) ओशो- जीसस क्राइस्ट को दुनिया कभी की भूल गई होती, अगर उसको सूली पर न लटकाया गया होता। जीसस क्राइस्ट को दुनिया कभी की भूल गई होती, अगर उसको सूली न मिली होती। सूली देने वाले ने बड़ी कृपा की। और मैंने तो यहां तक […]Read More
सम्भोग से समाधि की ओर (जीवन उर्जा रुपांतरण का विज्ञान) ओशो- खजुराहो के मंदिर जिन्होंने बनाए थे, उनका खयाल यह था कि इन प्रतिमाओं को अगर कोई बैठ कर घंटे भर देखे तो वासना से शून्य हो जाएगा। वे प्रतिमाएं आब्जेक्ट्स फॉर मेडिटेशन रहीं हजारों वर्ष तक। वे प्रतिमाएं ध्यान के लिए आब्जेक्ट का काम […]Read More
सम्भोग से समाधि की ओर (जीवन उर्जा रुपांतरण का विज्ञान) ओशो- एक मित्र ने इस संबंध में और एक बात पूछी है। उन्होंने पूछा है कि भगवान, आपको हम सेक्स पर कोई अथारिटी, कोई प्रामाणिक व्यक्ति नहीं मान सकते हैं। हम तो आपसे ईश्वर के संबंध में पूछने आए थे और आप सेक्स के संबंध […]Read More