ओशो- किसी को भी दुखी करके देखो, तुम दुखी हो ही जाओगे। और इससे उलटा भी सही है। तुम किसी को सुखी करके देखो और तुम पाओगे कि सुख न मालूम कितने रूपों में तुम्हारे हृदय में भी गुंजरित हो उठा है। और तुम किसी के रास्ते से एक छोटा सा कांटा भी हटाओ, तो […]Read More
प्रश्नः आपकी बातें सुनता हूं, तो प्रभु-खोज के विचार उठते हैं। लेकिन समझ नहीं पड़ता कि कहां से शुरू करूं! ओशो- कहीं से भी शुरू करो–शुरू करो। परमात्मा सब तरफ है। जहां से भी शुरू करोगे, उसी में शुरू होगा। कहां से शुरू करूं–इस प्रश्न में मत उलझो। क्योंकि परमात्मा तो एक तरह का वर्तुल […]Read More
ओशो- मैं मानता हूं बुद्ध ने जो किया वह महान है और जो जीसस ने किया वह साधारण है, उसका कोई मूल्य नहीं है। मेरी इन बातों ने पश्चिम को घबड़ा दिया। घबड़ा देने का कारण यह था कि पश्चिम आदी हो गया है एक बात का कि पूरब गरीब है, भेजो ईसाई मिशनरी और […]Read More
ओशो- एक मित्र ने पूछा है कि उनके कोई मित्र हैं वे योगी हैं और कहते हैं कि पिछले जन्म में वे चिड़िया थे तो क्या आदमी पशु भी हो सकता है? आदमी कभी पशु हो सकता है, लेकिन दुबारा पशु नहीं हो सकता। पीछे लौटना नहीं होता, पीछे लौटना असंभव है। तो यह तो […]Read More
अयोध्या जाने वाले श्रद्धालुओं का रेलवे स्टेशन में स्वागत, आस्था
दुर्ग/ अयोध्या के भगवान श्री रामलला के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को आज आस्था स्पेशल ट्रेन दुर्ग से रवाना किया गया। श्रद्धालुओं का रेलवे स्टेशन में भव्य स्वागत किया गया। पंथी नृत्य के बीच जय श्रीराम के नारे गूंज रहे थे। रेलवे स्टेशन राम मय नजर आया। रेलवे स्टेशन में राम भक्तों को तिलक, माला […]Read More
दुर्ग/ नगर पालिक निगम क्षेत्र अंतर्गत निगम में आज धूमधाम से कर्मशाला भवन वाहन शाखा,एमएलडी फिल्टर प्लांट व जलकार्य विभाग स्थित विद्युत विभाग में भगवान श्री विश्वकर्मा जयंती मनाई गई। महापौर धीरज बाकलीवाल एवं आयुक्त लोकेश चन्द्राकर ने भगवान विश्वकर्मा की पूजा कर शहर के सुख और समृद्धि के लिए कामना की। इस दौरान महापौर […]Read More
ओशो– तुमने देखा, हिंदू इस संबंध में बड़े कुशल हैं। गणेश जी बना लिए मिट्टी के, पूजा इत्यादि कर ली—जा कर समुद्र में समा आए। दुनिया का कोई धर्म इतना हिम्मतवर नहीं है। अगर मंदिर में मुर्ति रख ली तो फिर सिराने की बात ही नहीं उठती। फिर वे कहते हैं अब इसकी पूजा जारी […]Read More
ओशो– मनु की स्मृति पढ़ने जैसी है। मनु की स्मृति से ज्यादा अन्यायपूर्ण शास्त्र खोजना कठिन है, क्योंकि कोई न्याय जैसी चीज ही नहीं है। मनुस्मृति हिंदुओं का आधार है–उनके सारे कानून,समाज-व्यवस्था का। अगर एक ब्राह्मण एक शूद्र की लड़की को भगाकर ले जाये तो कुछ भी पाप नहीं है। यह तो सौभाग्य है शूद्र […]Read More
ओशो- यह सूत्र थोड़ा जटिल है–अपने आप में यह सूत्र जटिल नहीं है, किंतु व्याख्या करने वालों के कारण यह सूत्र जटिल हो गया है। पंतजलि की व्याख्या करने वाले सभी व्याख्याकार इस सूत्र के विषय में ऐसी व्याख्या करते हैं, जैसे पंतजलि किसी बाहर के सूर्य की बात कर रहे हों। पंतजलि बाह्य सूर्य […]Read More
ओशो- वैज्ञानिक कहते हैं कि हाइड्रोजन और आक्सीजन मिलकर पानी बनता है। अगर आप हाइड्रोजन और आक्सीजन को मिला दें, तो पानी नहीं बनेगा। लेकिन अगर आप पानी को तोड़े, तो हाइड्रोजन और आक्सीजन बन जाएगी। अगर आप पानी की एक बूंद को तोड़े, तो हाइड्रोजन और आक्सीजन आपको मिलेगी और कुछ भी नहीं मिलेगा। […]Read More