जो सुख-दुःख तुमने दूसरों को दिए हैं, वे हजारगुना होकर
ओशो- मैं एक गांव में ठहरा हुआ था। उस रात उस गांव में एक बड़ी अनूठी घटना घट गयी, फिर मैं उसे भूल न सका। छोटा गांव, बस एक ही ट्रेन आती और एक ही ट्रेन जाती, तो दो बार स्टेशन पर चहल-पहल होती। आने वाली टे्रन दिन को बारह बजे आती, जाने वाली ट्रेन […]Read More