ओशो- एक ही मां-बाप बच्चों को जन्म देते हैं और सभी बच्चे भिन्न होते हैं।हमारे भीतर भी तीन पर्तें हैं। एक व्यक्त, जो हमारा शरीर है। एक अव्यक्त, जो हमारा मन है। और एक अव्यक्त के भी पार अव्यक्त, जो हमारी आत्मा है। मन में कुछ भी हो, तो आज नहीं कल व्यक्त हो जाता […]Read More
दूसरों के दोष ओशो- जो दूसरों के #दोष पर ध्यान देता है वह अपने दोषों के प्रति #अंधा हो जाता है। ध्यान तुम या तो अपने दोषों की तरफ दे सकते हो, या दूसरों के दोषों की तरफ दे सकते हो, दोनों एक साथ न चलेगा। क्योंकि जिसकी नजर दूसरों के दोष देखने लगती है, […]Read More
दुर्ग/ पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक दिनांक 26-27.08.2023 की दरम्यानी रात में करीब 00ः57 बजे से रात्रि 02ः00 बजे के मध्य हॉऊसींग बोर्ड शॉपींग कॉम्पलेक्स बोरसी स्थित एसबीआई बैंक का ए.टी.एम. बूथ एवं हुडको भिलाई स्थित एस.बी.आई. बैंक के 02 एटीएम बूथ में अज्ञात चोरो ने ए.टी.एम. बूथ के गेट खोलकर अंदर प्रवेश कर […]Read More
बीमारियां मारती हैं आपको हम विपरीत को मिटा नहीं सकते; एक को बढ़ा कर हम उसके विपरीत को मिटा नहीं सकते, सिर्फ बढ़ा सकते हैं। ओशो– आज जमीन पर जितनी दवाएं हैं, कभी भी नहीं थीं। लेकिन बीमारियां कम नहीं हुईं। बीमारियां बढ़ गई हैं। सच तो यह है कि नई-नई मौलिक बीमारियां पैदा हो […]Read More
रायपुर/ छत्तीसगढ़ शासन ने शासकीय सेवकों और उनके आश्रित परिजनों के इलाज के लिए कुल 155 अस्पतालों को मान्यता दी है। इनमें राज्य में स्थित 114 और राज्य के बाहर के 41 अस्पताल शामिल हैं। शासकीय कर्मियों के इलाज के लिए चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए इन अस्पतालों को मान्यता मिली है। चिकित्सा शिक्षा […]Read More
प्रश्न: ओशो, संन्यास जीवन का त्याग है या कि जीवन जीने की कला? ओशो- सदियों से संन्यास जीवन का त्याग रहा है और वही भ्रांति थी, जिसके कारण संन्यास सर्वव्यापी नहीं हो सका। उसी चट्टान से टकरा कर संन्यास के फूल की पंखुरियां बिखर गईं। संन्यास कोमल फूल है और त्याग की कठोर धारणा स्वभावतः […]Read More
Islam and the protest culture THE PEN IS MIGHTIER THAN THE SWORD Muslims are obliged to adhere to the teachings of the Read More
ओशो– नारद कहते हैं: कांताभक्ति। भक्त को अगर परमात्मा से भक्ति करनी है तो स्त्री से प्रेम सीखना पड़ेगा। फिर एक पर ही प्रतिबद्ध होना पड़ेगा। तुम्हारा प्रेम बंटा हुआ है; थोड़ा इस दिशा में, थोड़ा उस दिशा में; थोड़ी राजनीति भी कर लो, थोड़ा धन कमा लो; थोड़ा धर्म भी कर लो; थोड़ी प्रतिष्ठा […]Read More
तुम्हारा तनाव क्या है? – ओशो– सभी प्रकार के विचारों, भय, मृत्यु, दिवालियापन, डॉलर के नीचे जाने के साथ आपका तादात्म्य! तरह-तरह के डर हैं। ये आपकी टेंशन हैं। ये आपके शरीर को भी प्रभावित करते हैं। आपका शरीर भी तनावग्रस्त हो जाता है, क्योंकि शरीर और मन दो अलग-अलग अस्तित्व नहीं हैं। शरीर-मन एक […]Read More
ओश– प्रश्न है भी, प्रश्न नहीं भी है। कुछ पूछा भी है, कुछ कहा भी है। राधा मोहम्मद का प्रश्न है।‘न सोचा न समझा न सीखा न जाना मुझे आ गया खुद-ब-खुद दिल लगाना’ इस जगत में जो भी महत्वपूर्ण है वह खुद-ब-खुद आता है। इस जगत में जो व्यर्थ है वही सीखना पड़ता है। […]Read More