ओशो– मैं आपको प्रेम करता हूं कल नहीं करता था, आज करता हूं। जन्मा प्रेम। और बड़ा पागलपन तब पैदा होता है जब हम किसी जन्मी हुई चीज को शाश्वत बनाना चाहते हैं। तब पागलपन हो जाता है। जन्मी चीज तो मरेगी ही.. जिस दिन जन्मी उसी दिन जान लेना था कि मरेगी। जिस दिन […]Read More
ओशो- मनुष्य जाति का इतिहास लंबा है। कम से कम हजार साल का तो बिलकुल सुनिश्चित ज्ञात है। इन पांच हजारों सालों में एक भी इंपोटेंट, नपुंसक आदमी परमात्मा को उपलब्ध नहीं हुआ। इसका क्या अर्थ है, काम और वीर्य ऊर्जा परमात्मा की उपलब्धि में अनिवार्य है। उसके बिना नहीं हो सकेगा? ऊर्जा ही नहीं […]Read More
ओशो– पदार्थ इसलिए विनष्ट होता है कि पदार्थ डिविजिबल है, उसका विभाजन किया जा सकता है। हम एक पत्थर के दो टुकड़े कर सकते हैं। जो चीज भी विभाजित हो सकती है, उसके कितने ही टुकड़े किए जा सकते हैं, वह नष्ट हो जाएगी। जो चीज विभाजित होती है, उसका अर्थ है कि वह बहुत […]Read More
भिलाई/ वैशाली नगर विधानसभा की निर्दलीय सेब छाप प्रत्याशी डॉक्टर संगीता शाह भाजपा कांग्रेस को टक्कर देती नज़र आ रही है। संगीता शाह वार्ड 24, दुर्गा माता मंदिर 32 एकड़, वार्ड 25 झूलेलाल धाम हाउसिंग बोर्ड, वॉर्ड 35 शारदा पारा, दुर्गा पारा, बापू चौक, वार्ड 33 संतोषी पारा और वार्ड-1 जुनवानी बस्ती में जनसंपर्क किया। […]Read More
ओशो– बुद्ध ने छह वर्ष की तपश्चर्या की। जो करने योग्य था किया जो भी किया जा सकता था किया। कुछ भी अनकिया न छोडा जिसने जो कहा वही किया। जिस गुरु ने जो बताया उसको समग्र मनभाव से किया तन प्राण से किया। रत्तीभर भी अपने को बचाया नहीं। सब तरह अपने को दांव […]Read More
भिलाई/ दिनांक 07.11.2023 को ATS Unit जिला-झांसी(उ.प्र.) की टीम थाना ATS लखनऊ में पजीबद्ध अपराध के नामजद अभियुक्त वजीहउद्दीन वल्द वहीउद्दीन इदरीश पता-फिरदौस नगर जनपद अलीगढ़ (उ.प्र.) हाल स्मृति नगर क्षेत्र थाना सुपेला जिला-दुर्ग के पता तलाश गिरफ्तारी हेतु भिलाई आई हुई थी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दुर्ग राम गोपाल गर्ग के मार्गदर्शन व अतिरिक्त पुलिस […]Read More
🟢नारी भिन्न है🟢 ओशो– मैं आपको यह कहना चाहता हूं, स्त्री और पुरुष समान आदर के पात्र हैं, लेकिन समान बिलकुल भी नहीं हैं, बिलकुल असमान हैं। स्त्री स्त्री है, पुरुष पुरुष है। और उन दोनों में जमीन-आसमान का फर्क है। इस फर्क को अगर ध्यान में न रखा जाए तो जो भी शिक्षा होगी […]Read More
ओशो– आप पैदा हुए। तो शायद आपको खयाल होगा, जन्म की एक तिथि है और फिर मृत्यु की एक तिथि है, इन दोनों के बीच आप समाप्त हो जाएंगे। लेकिन इस जगत में कोई भी चीज आइसोलेटेड नहीं है। इस जगत में कोई चीज अलग- थलग नहीं है। जन्म के पहले भी आपको किसी न […]Read More
ओशो– प्रेम ही शांति ला सकता है। प्रेम का अर्थ हैः उससे मिल जाना जो हमारा स्वभाव है। प्रेम का अर्थ हैः उससे मिल जाना जिससे मिलना हमारी नियति है। प्रेम का अर्थ हैः उसे पा लेना जिसे पाने को हम बने हैं। प्रेम का अर्थ हैः बीज फूल हो जाए, तो सब शांत हो […]Read More
ओशो– अंध—श्रद्धा से अर्थ है, वस्तुत: जिसमें श्रद्धा न हो, सिर्फ ऊपर—ऊपर से श्रद्धा कर ली गई हो। भीतर से आप भी जानते हों कि श्रद्धा नहीं है, लेकिन किसी भय के कारण या किसी लोभ के कारण या मात्र संस्कार के कारण, समाज की शिक्षा के कारण स्वीकार कर लिया हो। ऐसी श्रद्धा के […]Read More