कुम्हारी/ स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में कुम्हारी नगर पालिका ने ईस्ट जोन में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। कुम्हारी को 25 से 50 हजार की आबादी वाले शहर की श्रेणी में यह पुरस्कार मिला। दिल्ली में आयोजित समारोह में उप मुख्यमंत्री अरूण साव की उपस्थिति में पालिका अध्यक्ष राजेश सोनकर एवं सीएमओ जितेंद्र कुश्वाहा को यह […]Read More
दुर्ग/ देश के प्रतिभाशाली युवाओं को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने और राष्ट्र निर्माण की ओर उन्हें प्रेरित करने के लिए हर साल राष्ट्रीय युवा महोत्सव का आयोजन किया जाता है। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज 12 जनवरी को महाराष्ट्र के नासिक में 27 वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव […]Read More
धार्मिक व्यक्ति राजनीति के प्रति उपेक्षा ग्रहण नहीं कर सकते,
ओशो– मैं कोई राजनीतिज्ञ नहीं हूं और न ही मैंने अपने किसी पिछले जन्म में ऐसे कोई पाप किए हैं कि मुझे राजनीतिज्ञ होना पड़े। इसलिए राजनीतिज्ञ मुझसे परेशान न हों और चिंतित न हों। उन्हें घबड़ाने की और भयभीत होने की कोई भी जरूरत नहीं है। मैं उनका प्रतियोगी नहीं हूं, इसलिए अकारण मुझ […]Read More
ओशो– जो आदमी अपना शत्रु है, वही आदमी अधार्मिक है। और जो अपना शत्रु है, वह किसी का मित्र तो कैसे हो सकेगा? जो अपना भी मित्र नहीं, वह किसका मित्र हो सकेगा! जो अपने लिए ही दुख के आधार बना रहा है, वह सबके लिए दुख के आधार बना देगा।पहला पाप अपने साथ शत्रुता […]Read More
ओशो– कबीर कहते हैं, जब पाप और पुण्य भ्रम मिट जाते हैं। दोनों जल जाते हैं। पाप भी, पुण्य भी। तब भयो प्रकाश मुरारी। तभी मुरारी के दर्शन होते हैं। तभी परमात्मा की झलक आती है। पाप और पुण्य दोनों के भीतर छिपा हुआ रोग है। वह रोग है, कर्ता का भाव। अहंकार। पापी कहता […]Read More
ओशो– आप यह मत सोचें कि सत्य की यात्रा पर कोई कष्ट न होगा। अगर ऐसा होता कि सत्य की यात्रा पर कोई कष्ट न होता, तो दुनिया में इतना झूठ होता ही नहीं। सत्य की यात्रा पर कष्ट है। इसीलिए तो लोग झूठ के साथ राजी हैं। झूठ सुविधापूर्ण है। सत्य असुविधापूर्ण है। झूठ […]Read More
ओशो– टालस्टाय ने एक कहानी लिखी है। मृत्यु के देवता ने अपने एक दूत को भेजा पृथ्वी पर। एक स्त्री मर गयी थी, उसकी आत्मा को लाना था। देवदूत आया, लेकिन चिंता में पड़ गया। क्योंकि तीन छोटी-छोटी लड़कियां जुड़वां–एक अभी भी उस मृत स्त्री से लगी है। एक चीख रही है, पुकार रही है। […]Read More
ओशो– कृष्ण की गैर—मौजूदगी में भगवान मान लेने में कोई अड़चन नहीं है, क्योंकि हमारे अहंकार को कोई भी पीड़ा, कोई तुलना नहीं होती। लेकिन कृष्ण की मौजूदगी में भगवान मानना बहुत कठिन है। शायद अर्जुन भी मन के किसी कोने में कृष्ण को भगवान नहीं मान पाता होगा। शायद अर्जुन के मन में भी […]Read More
ओशो– अनिद्रा एक जीवनशैली है। प्रकृति की ओर से मनुष्य को इस प्रकार बनाया गया है कि वह कम से कम आठ घंटे कड़ा श्रम करे। जब तक वह आठ घंटे कड़ा श्रम नहीं करता, तब तक सोने का अधिकार अर्जित नहीं करता और जैसे-जैसे कोई समाज समृद्ध होने लगता है, लोग ज्यादा मेहनत नहीं […]Read More
ओशो– नये वर्ष के नये दिन पर पहली बात तो यह कहना चाहूंगा कि दिन तो रोज ही नया होता है, लेकिन रोज नये दिन को न देख पाने के कारण हम वर्ष में कभी-कभी नये दिन को देखने की कोशिश करते हैं। अपने को धोखा देने की तरकीबों में से एक तरकीब यह भी […]Read More