सम्भोग से समाधि की ओर (जीवन ऊर्जा रूपांतरण का विज्ञान) ओशो- पहला सूत्र आपसे कहना चाहता हूं: अगर चाहते हैं कि पता चले कि प्रेम-तत्व क्या है, तो पहला सूत्र है–काम की पवित्रता, दिव्यता, उसकी ईश्वरीय अनुभूति की स्वीकृति, उसको परम हृदय से, पूर्ण हृदय से अंगीकार। और आप हैरान हो जाएंगे, जितने परिपूर्ण हृदय […]Read More
भारतीय थलसेना में अग्निवीर भर्ती, जानिए आवेदन की पूरी प्रक्रिया,
दुर्ग/ अग्निपथ,सेना बल भारत सरकार की योजना के तहत भर्ती होने वाले अग्निवीर कहलाते है।जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केंद्र दुर्ग भारतीय सेना बलों में अग्निवीर वायु के लिए ऑनलाइन लाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया दिनाँक 17 जनवरी 2024 से प्रारंभ हो चुकी है एवं अग्निवीर थलसेना हेतु ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया दिनाँक 8 फरवरी 2024 […]Read More
सम्भोग से समाधि की ओर (जीवन ऊर्जा रूपांतरण का विज्ञान) ओशो- सारी दुनिया का दांपत्य जीवन नष्ट किया है इस शिक्षा ने। और जब दंपति का जीवन नष्ट हो जाए तो प्रेम की कोई संभावना नहीं रही। क्योंकि जब पति और पत्नी प्रेम न कर सकें एक-दूसरे को, जो कि अत्यंत सहज और नैसर्गिक प्रेम […]Read More
पीढियां बदल गई लेकिन भाजपा का संकल्प नहीं बदला, अंततः आर्टिकल 370 की समाप्ति और राम मंदिर निर्माण का संकल्प पूरा किया – विजय शर्मा प्रत्याशी चाहे कोई भी हो जीत का पिछला रिकॉर्ड तोड़ेगी भाजपा – विजय बघेल दुर्ग/ छत्तीसगढ़ शासन के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने दुर्ग में लोकसभा स्तरीय केंद्रीय चुनाव कार्यालय का […]Read More
संभोग से समाधि की ओर (जीवन ऊर्जा रूपांतरण का विज्ञान) ओशो- मुझे एक घटना याद आती है। एक फकीर अपने घर से निकला था, किसी मित्र के पास मिलने जा रहा था। निकला है कि घोड़े पर उसका चढ़ा हुआ एक बचपन का दोस्त घर आकर सामने खड़ा हो गया है। उसने कहा कि दोस्त, […]Read More
सम्भोग से समाधि की ओर (जीवन ऊर्जा रूपांतरण का विज्ञान) ओशो- एक बात समझ लेनी जरूरी है इस संबंध में। मनुष्य कभी भी काम से मुक्त नहीं हो सकेगा। काम उसके जीवन का प्राथमिक बिंदु है, उसी से जन्म होता है। परमात्मा ने काम की शक्ति को ही, सेक्स को ही सृष्टि का मूल बिंदु […]Read More
सम्भोग से समाधि की ओर (जीवन ऊर्जा रूपांतरण का विज्ञान) ओशो– गंगा बहती है हिमालय से। बहेगी गंगा, उसके प्राण हैं, उसके पास जल है। वह बहेगी और सागर को खोज ही लेगी। न किसी पुलिसवाले से पूछेगी, न किसी पुरोहित से पूछेगी कि सागर कहां है? देखा किसी गंगा को चौरस्ते पर खड़े होकर […]Read More
ओशो- मनुष्य से भी ज्यादा प्रेम पशु और पक्षियों में और पौधों में दिखाई पड़ता है; जिनके पास न कोई संस्कृति है, न कोई धर्म है। संस्कृत और सुसंस्कृत और सभ्य मनुष्यों की बजाय असभ्य और जंगल के आदमी में ज्यादा प्रेम दिखाई पड़ता है; जिसके पास न कोई विकसित धर्म है, न कोई सभ्यता […]Read More
भारतीय सैन्यबलों में अग्निवीर भर्ती हेतु बच्चों को करें प्रोत्साहित-
आवेदन करने वाले विद्यार्थियों को परीक्षा पूर्व दिया जाएगा एक माह की कोचिंग अग्निवीर भर्ती में 06 फरवरी तक ऑनलाईन किया जा सकता है आवेदन दुर्ग/ कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने आज खालसा स्कूल में स्कूल, कॉलेज एवं आईटीआई प्राचार्या की अग्निवीर में भर्ती के संबंध में संयुक्त बैठक ली। उन्होंने सभी प्राचार्यो से बच्चों […]Read More
ओशो– मैंने सुना है, एक सम्राट के महल के नीचे से एक पंखा बेचने वाला गुजरता था और जोर से चिल्ला रहा था कि अनूठे और अदभुत पंखे मैंने निर्मित किए हैं। ऐसे पंखे कभी भी नहीं बनाए गए। ये पंखे कभी देखे भी नहीं गए हैं। सम्राट ने खिड़की से झांक कर देखा कि […]Read More