पद किसी को भ्रष्ट नहीं करते, भ्रष्टों को आमंत्रित करते
ओशो- जब भी दो व्यक्ति पास मौन में बैठे हों, जानना गहन प्रेम हैं। या, जब भी दो व्यक्ति प्रेम में हों, तब तुम जानोगे कि गहन मौन में हैं। प्रेमी चुप हो जाते हैं। और अगर तुम चुप होने की कला सीख जाओ, तो तुम प्रेमी हो जाओगे। फिर तुम जिसके पास भी चुप […]Read More