ओशो- इस पृथ्वी पर जितने भी सदगुरु हुए हैं उनमें गौतम बुद्ध सर्वश्रेष्ठ हैं। ईसा क्राइस्ट, महावीर, मोहम्मद और अन्य कई महान सदगुरु हुए परंतु बुद्ध फिर भी इन सबमें श्रेष्ठ हैं। ऐसा नहीं है कि बुद्ध की ज्ञानोपलब्धि किसी अन्य की ज्ञानोपलब्धि से अधिक है–ज्ञान की उपलब्धि न कम होती है न ज्यादा। वस्तुतः […]Read More
ओशो- सारी प्रकृति मनुष्य को छोड़कर मन से रहित है। ठीक से समझें, तो मनुष्य हम कहते ही उसे हैं, जिसके पास मन है। मनुष्य शब्द का भी वही अर्थ है, मन वाला।मनुष्य में और पशुओं में इतना ही फर्क है कि पशुओं के पास कोई मन नहीं और मनुष्य के पास मन है। मनुष्य […]Read More
ओशो– रामकृष्ण ने अपने जीवन में पांच —सात धर्मों की साधनाएं कीं। उनको यह खयाल आया कि सभी धर्म एक ही जगह पहुंचा देते हैं, तो मैं सभी रास्तों पर चलकर देखूं कि वहां पहुंचा देते हैं कि नहीं पहुंचा देते हैं। तो उन्होंने ईसाइयत की साधना की, उन्होंने सूफियों की साधना की, उन्होंने वैष्णवों […]Read More
ओशो- कृष्ण का जन्म होता है अँधेरी रात में, अमावस में। सभी का जन्म अँधेरी रात में होता है और अमावस में होता है। असल में जगत की कोई भी चीज उजाले में नहीं जन्मती, सब कुछ जन्म अँधेरे में ही होता है। एक बीज भी फूटता है तो जमीन के अँधेरे में जन्मता है। […]Read More
जवान रहना है तो मौन हो जाओ, आइंस्टीन की क्रांतिकारी
ओशो- अल्बर्ट आइंस्टीन ने खोज की और निश्चित ही यह सही होगी, क्योंकि अंतरिक्ष के बारे में इस व्यक्ति ने बहुत कठोर परिश्रम किया था। उसकी खोज बहुत गजब की है। उसने स्वयं ने कई महीनों तक इस खोज को अपने मन में रखी और विज्ञान जगत को इसकी सूचना नहीं दी क्योंकि उसे भय […]Read More
कुम्हारी/ लक्ष्य सनातन संगम के राष्ट्रीय संचालक सलाहकार एवं हिन्दू जनजागृति समिति के सदस्य विशाल ताम्रकार ने पत्रकार वार्ता में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा की अखंड भारत के निर्माण के लिए आज परिस्थितियां सामान्य नहीं है हम जब बांग्लादेश, पाकिस्तान को देखते है तो हमें लगता है कि हम मानसिक गुलामी की ओर […]Read More
प्रश्न: एक मित्र ने और पूछा है कि कृष्ण ने तो इतना बड़ा युद्ध किया तो क्या वे प्रेमपूर्ण नहीं थे? ओशो- कृष्ण जैसा प्रेम करने वाला आदमी पृथ्वी पर मुश्किल से हुआ है। कृष्ण जैसा प्यारा आदमी मुश्किल से पृथ्वी पर हुआ है। करोड़ों वर्ष लग जाते हैं तब पृथ्वी उस तरह के एकाध […]Read More
ओशो– विद्रोही वैव्यक्तिक होता है। महावीर ने कोई दल खड़ा नहीं कर लिया, विद्रोह किया—निजता ही विद्रोह थी। फिर जो लोग उनके पीछे चले, वे भी कोई दल नहीं खड़ा कर लिए। इस बात को भी खयाल मे रखना। बहुत लोग उनके पीछे चले, लेकिन जो भी उनके पीछे चला वह व्यक्तिगत रूप से विद्रोह […]Read More
श्री रामलला दर्शन योजना: दुर्ग और बस्तर संभाग के 822
तीर्थ यात्रियों को सांसद विजय बघेल ने हरी झण्डी दिखाकर दुर्ग रेल्वे स्टेशन से किया रवाना दुर्ग/ राज्य सरकार की श्री रामलला दर्शन योजना के तहत राम भक्तों का जत्था लगातार अयोध्या धाम पहुंच रहा है। कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी के मार्गदर्शन में समाज कल्याण विभाग के उप संचालक श्री अमित परिहार के द्वारा […]Read More
प्रश्नः मैंने सुना है कि अपनी मां को संन्यास देते समय आपने कुर्सी से उतरकर अपनी मां के चरण छुए थे। इस अनोखी स्थिति ने मुझे रोमांचित कर दिया है। कृपया कुछ और जानने की मेरी प्यास को बुझाएं। कौन महान है – माँ या गुरु? ओशोः वे दोनों ही एक-दूजे से महान हैं। ऐसा […]Read More