धर्म और राजनीति- राजनीति एक अभिशाप रही है, एक विपदा;
ओशो– राजनीति सांसारिक है- राजनीतिज्ञ लोगों के सेवक हैं। धर्म पवित्र है- वह लोगों के आध्यात्मिक विकास के लिए पथ-प्रदर्शक है। निश्चित ही, जहां तक मूल्यों का संबंध है राजनीति निम्नतम है, और धर्म उच्चतम है, जहां तक मूल्यों का संबंध है। वे अलग ही हैं।राजनेता चाहते हैं कि धर्म राजनीति में हस्तक्षेप न करे; […]Read More