ओशो- इसमें कई बातें हैं। पहली बात जो समझ लेने की है वह यह कि ये जो करोड़ लोग इकट्ठे हो गए हैं एक अभीप्सा और एक आकांक्षा से, एक प्रार्थना से, एक ध्वनि, एक धुन करते हुए आ गए हैं, यह एक पूल बन गया चेतना का। यह एक करोड़ लोगों का पूल हो […]Read More
साक्षित्व की पहली विधी ‘’तीव्र कामना की मनोदशा में अनुद्विग्न रहो।‘’ ओशो- जब तुम्हें कामना घेरती है, चाह पकड़ती है, तो तुम उत्तेजित हो जाते हो, उद्विग्न हो जाते हो। यह स्वाभाविक है। जब चाह पकड़ती है तो मन डोलने लगता है। उसकी सतह पर लहरें उठने लगती है। कामना तुम्हें खींचकर कहीं भविष्य में […]Read More
भिलाई-3/ नगर पालिक निगम भिलाई-चरोदा के सतीश कुमार मारकंडे, वार्ड 31 देवबलौदा के निवासी हैं। इनका कच्चा मकान होने के कारण बहुत से परेशानियों का सामना करना पड़ता था। हितग्राही राजमिस्त्री का कार्य करते हैं। निगम कार्यालय से प्रधानमंत्री आवास योजना के बारे में जानकारी प्राप्त होने के उपरांत अपने खुद के पक्का मकान हेतु […]Read More
पश्चिम के प्रभाव ने भारत को नीचे गिराया है..चरित्र में,
ओशो- भारत के दुर्भाग्य की कथा बहुत लंबी है। और जैसा कि लोग साधारणतः समझते हैं कि हमें ज्ञात है कि भारत का दुर्भाग्य क्या है, वह बात बिल्कुल ही गलत है। हमें बिल्कुल भी ज्ञात नहीं है कि भारत का दुर्भाग्य क्या है। दुर्भाग्य के जो फल और परिणाम हुए हैं वे हमें ज्ञात […]Read More
ओशो- सूर्य पर संयम संपन्न करने से संपूर्ण सौर-ज्ञान की उपलब्धि होती है। यह सूत्र थोड़ा जटिल है- अपने आप में यह सूत्र जटिल नहीं है, किंतु व्याख्या करने वालों के कारण यह सूत्र जटिल हो गया है। पंतजलि की व्याख्या करने वाले सभी व्याख्याकार इस सूत्र के विषय में ऐसी व्याख्या करते हैं, जैसे […]Read More
ओशो- मैंने सुना है, फ्रान्स की क्रांति के समय, वहां का जो सबसे खतरनाक कारागृह था, जहां आजीवन कैदी रखे जाते थे, क्रांतिकारियों ने उसे तोड़ दिया। उस कारागृह में ऐसे लोग बंदी थे, कोई बीस वर्ष से, कोई तीस वर्ष से, कोई पचास वर्ष से भी उस कारागृह की जंजीरें और बेड़ियां, सदा के […]Read More
अध्यात्म बीमारी बन गया ओशो- भारत के दुर्भाग्य की कहानी तो लंबी है। लेकिन इस कहानी के बुनियादी सूत्र बहुत थोड़े, बहुत पंक्चुअल हैं। तीन सूत्रों पर मैं आपसे बात करना चाहूंगा। और एक छोटी सी कहानी से शुरू करूंगा।सुना है मैंने एक ज्योतिषी, रात्रि के अंधेरे में, आकाश के तारों का अध्ययन करता हुआ, […]Read More
ओशो- देश की सारी राजनीति देश को खंड-खंड बनाए रखने पर जीवित है और वे ही राजनीतिज्ञ बातें करते हैं कि राष्ट्र एक कैसे हो? गुजरात का राजनीतिज्ञ जिंदा है गुजरात की अलग इकाई पर, महाराष्ट्र का राजनीतिज्ञ जिंदा है महाराष्ट्र की अलग इकाई पर, मैसूर का राजनीतिज्ञ मैसूर की अलग इकाई पर जिंदा है।मैसूर […]Read More
15 अगस्त को भारत को राजनीतिक स्वतंत्रता मिली लेकिन क्या स्वतंत्र भारत को स्वस्थ राजनीति नसीब हुई? ओशो- अच्छे लोगों के हाथों में राजनीति आ जाए तो अभूतपूर्व परिवर्तन हो सकते हैं। क्यों? कुछ थोड़ी-सी बातें हम खयाल में ले लें। बुरा आदमी बुरा सिर्फ इसलिए है कि अपने स्वार्थ के अतिरिक्त वह कुछ भी […]Read More
The Munambam land dispute in Kerala, involving 404 acres, claimed by the Kerala State Waqf Board, has reignited national debate on the unchecked Read More