ओशो– अक्सर तो ऐसा होता है कि जो लोग अपने को कष्ट देते हैं, वे कष्ट देने में रस पाते हैं-सैडिस्ट हैं। अपने को सताने में या दूसरे को सताने में। या सैडिस्ट हैं या मैसोचिस्ट हैं। जो लोग तप को बहुत आदर देते हैं, वे अक्सर मैसोचिस्ट होते हैं, खुद को सताने में रस […]Read More
दुर्ग/ युवा कार्यकम खेल मंत्रालय के स्वायत्त संस्था मेरा युवा भारत द्वारा स्वामी विवेकानंद के जन्मोत्सव पर 12 जनवरी 2024 को पूरे राष्ट्र में राष्ट्रीय युवा दिवस का आयोजन किया जा रहा है। खेल एवं युवा कल्याण विभाग जिला दुर्ग द्वारा नेशनल स्कूल दुर्ग में स्वामी विवेकानंद जी के जन्मोत्सव पर राष्ट्रीय युवा दिवस का […]Read More
धार्मिक व्यक्ति राजनीति के प्रति उपेक्षा ग्रहण नहीं कर सकते,
ओशो– मैं कोई राजनीतिज्ञ नहीं हूं और न ही मैंने अपने किसी पिछले जन्म में ऐसे कोई पाप किए हैं कि मुझे राजनीतिज्ञ होना पड़े। इसलिए राजनीतिज्ञ मुझसे परेशान न हों और चिंतित न हों। उन्हें घबड़ाने की और भयभीत होने की कोई भी जरूरत नहीं है। मैं उनका प्रतियोगी नहीं हूं, इसलिए अकारण मुझ […]Read More
कृष्णा हायर सेकंडरी स्कूल के आयोजन में शामिल हुए विधायक विविध के नाम से कला व संस्कृति की मंचीय प्रस्तुतियों ने मोहा मन भिलाई/ कृष्णा हायर सेकंडरी स्कूल राम नगर भिलाई का वार्षिकोत्सव नेहरू कल्चरल हाउस सेक्टर 1 में मनाया गया। विविध के नाम आयोजित इस 25 वें वार्षिक आयोजन में कला और संस्कृति की […]Read More
दुर्ग/ पं.जवाहर लाल नेहरू उत्कर्ष योजना के तहत कक्षा 6वीं में प्रवेश हेतु आवेदन 25 जनवरी तक किया जा सकता है। आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त ने बताया कि योजना के तहत परीक्षा का आयोजन कर प्रवेश दिया जाएगा। आवेदन पत्र निर्धारित प्रपत्र में भरकर जिला कलेक्टोरेट स्थित आदिवासी विकास विभाग कार्यालय के साथ […]Read More
कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी ने धमधा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत कोड़िया का किया औचक निरीक्षण हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर में सफाई व्यवस्था से नराज कलेक्टर ने एसडीएम को क्षेत्र के सभी वेलनेस सेंटर का निरीक्षण करने दिए निर्देश दुर्ग/ कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी ने धमधा विकाखण्ड के अंतर्गत ग्राम पंचायत कोड़िया का दौरा […]Read More
ओशो– जो आदमी अपना शत्रु है, वही आदमी अधार्मिक है। और जो अपना शत्रु है, वह किसी का मित्र तो कैसे हो सकेगा? जो अपना भी मित्र नहीं, वह किसका मित्र हो सकेगा! जो अपने लिए ही दुख के आधार बना रहा है, वह सबके लिए दुख के आधार बना देगा।पहला पाप अपने साथ शत्रुता […]Read More
ओशो– कबीर कहते हैं, जब पाप और पुण्य भ्रम मिट जाते हैं। दोनों जल जाते हैं। पाप भी, पुण्य भी। तब भयो प्रकाश मुरारी। तभी मुरारी के दर्शन होते हैं। तभी परमात्मा की झलक आती है। पाप और पुण्य दोनों के भीतर छिपा हुआ रोग है। वह रोग है, कर्ता का भाव। अहंकार। पापी कहता […]Read More
ओशो– आप यह मत सोचें कि सत्य की यात्रा पर कोई कष्ट न होगा। अगर ऐसा होता कि सत्य की यात्रा पर कोई कष्ट न होता, तो दुनिया में इतना झूठ होता ही नहीं। सत्य की यात्रा पर कष्ट है। इसीलिए तो लोग झूठ के साथ राजी हैं। झूठ सुविधापूर्ण है। सत्य असुविधापूर्ण है। झूठ […]Read More
ओशो– टालस्टाय ने एक कहानी लिखी है। मृत्यु के देवता ने अपने एक दूत को भेजा पृथ्वी पर। एक स्त्री मर गयी थी, उसकी आत्मा को लाना था। देवदूत आया, लेकिन चिंता में पड़ गया। क्योंकि तीन छोटी-छोटी लड़कियां जुड़वां–एक अभी भी उस मृत स्त्री से लगी है। एक चीख रही है, पुकार रही है। […]Read More