ओशो- धर्म अनुभव की बात कभी नहीं करता है, सिर्फ विधि की बात करता है। वह बताता है कि यह कैसे होगा, लेकिन यह नहीं बताता कि क्या। क्या को तुम पर छोड़ दिया जाता है।’ बुद्ध निरंतर चालीस वर्षों तक कहते रहे कि मुझसे सत्य, ईश्वर, मोक्ष और निर्वाण के संबंध में प्रश्न मत […]Read More
ओशो- ओम् को चुनने के दो कारण हैं। एक तो, एक ऐसे शब्द की तलाश थी जिसका अर्थ न हो, जिसका तुम अर्थ न लगा पाओ; क्योंकि अगर तुम अर्थ लगा लो तो वह पांचवें के इस तरफ का हो जाएगा। एक ऐसा शब्द चाहिए था जो एक अर्थ में मीनिंगलेस हो। हमारे सब शब्द […]Read More
पद किसी को भ्रष्ट नहीं करते, भ्रष्टों को आमंत्रित करते
ओशो- जब भी दो व्यक्ति पास मौन में बैठे हों, जानना गहन प्रेम हैं। या, जब भी दो व्यक्ति प्रेम में हों, तब तुम जानोगे कि गहन मौन में हैं। प्रेमी चुप हो जाते हैं। और अगर तुम चुप होने की कला सीख जाओ, तो तुम प्रेमी हो जाओगे। फिर तुम जिसके पास भी चुप […]Read More
सूत्र द्वेषप्रतिपक्षभावाद्रसशब्दाच्च रागः।। 6।। नक्रियाकृत्यनपेक्षणाज्ज्ञानवत् ।। 7।। अत एव फलानन्त्यम्।। 8।। तद्वतःप्रपत्तिशब्दाच्च नज्ञानमितरप्रपत्तिवत्।। १।। सा मुख्येतरापेक्षितत्वात्।। 10।। ओशो- मनुष्य है एक द्वंद्व — प्रकाश और अंधकार का, प्रेम और घृणा का। यह द्वंद्व अनेक सतहों पर प्रकट होता है। यह द्वंद्व मनुष्य के कण-कण में छिपा है। राम और रावण प्रतिपल संघर्ष में रत हैं। […]Read More
ओशो- मनुष्य के कृत्यों को देखों ! तीन हजार वर्षों में पाँच हजार युद्ध आदमी ने लड़े हैं। उसकी पूरी कहानी हत्याओं की कहानी है, लोगों को जिंदा जला देने की कहानी है और एक को नहीं, हजारों को। और यह कहानी खत्म नहीं हो गई है। क्या तुम सोचते हो आदमी बंदर से विकसित […]Read More
दुर्ग/ जिला चिकित्सालय दुर्ग में एडमिट गंभीर मरीज पार्वती साहू डिलीवरी वार्ड और कन्हैया दास मेल मेडिकल वार्ड दोनों को ए नेगेटिव ब्लड की आवश्यकता थी। ब्लड बैंक नोडल अधिकारी डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने बताया कि रक्तदाता हर्ष सोनी द्वारा ए नेगेटिव ब्लड और टिकेश्वर साहू द्वारा ए नेगेटिव ब्लड दिया गया। डिलीवरी वार्ड में […]Read More
ओशो– शरीर एक यंत्र है। और उस यंत्र में आपने जो आदतें डाली हैं, उन आदतों को आपको नई आदतों से बदलना पड़ेगा; नई बातें सुनकर नहीं। इसका मतलब यह हुआ कि अगर आपको सिगरेट पीना छोड़ना है तो आपको ताजगी पैदा करने की दूसरी आदतें डालना पड़ेंगी। नहीं तो आप कभी नहीं छोड़ पाएँगे। […]Read More
ओशो- छुटपन से ही छोटे-छोटे बच्चे भी डर जाते हैं। बच्चे की समझ में नहीं आता। वह बड़े प्रेम से आया है, माँ की साड़ी खींच रहा है, और माँ झिड़क देती है कि दूर हट! उसे पता ही नहीं कि माँ अभी नाराज है, पिता से झगड़ा हुआ है, या बर्तन टूट गया है, […]Read More
राज्यपाल ने आईआईटी भिलाई में संस्कृति, भाषा और परम्परा केंद्र
आईआईटी भिलाई की यात्रा में सीसीएलटी मील का पत्थर साबित होगा- राज्यपाल श्री डेका दुर्ग/ छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री रमेन डेका ने कहा है कि आईआईटी भिलाई की यात्रा में संस्कृति भाषा और परम्परा केंद्र महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। इस केंद्र की स्थापना आदिवासी समुदायों की सांस्कृतिक विरासत और ज्ञान, लुप्तप्राय भाषाओं और […]Read More
दुर्ग/ कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी के निर्देशानुसार एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री बजरंग दुबे के मार्गदशन में जिले में रोजगार दिवस का आयोजन किया गया। रोजगार दिवस में महात्मा गांधी नरेगा के माध्यम से चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों और कार्याे की जानकारी से ग्रामीणों को अवगत कराया गया और योजना के […]Read More