बड़ा प्यारा सुत्र, मार्गों में अष्टांगिकमार्ग, सत्यों में चार पद,
ओशो- बहुत मार्ग हैं भीतर आने के, लेकिन बुद्ध कहते हैं, अष्टांगिक मार्ग उसमें श्रेष्ठ है। तुम बाहर के मार्गों की बातें कर रहे हो कि कौन सा रास्ता अच्छा है, अरे पागलों, अष्टांगिक मार्ग श्रेष्ठ है। भीतर आने के बहुत मार्गों में आठ अंगों वाला अष्टांगिक मार्ग श्रेष्ठ है। वे आठ अंग निम्न है […]Read More