ओशो– एक जैन संत हुए—गणेशवर्णी। वर्षों पहले उन्होंने पत्नी त्याग दी। वे साधु पुरुष थे। कोई बीस वर्ष त्याग के बाद, काशी में थे, तब खबर आई कि पत्नी मर गई। उनके मुंह से जो वचन निकला, वह याद रख लेने जैसा है। उन्होंने कहा, ‘चलो झंझट मिटी।’ उनके भक्तों ने इस वचन का अर्थ […]Read More
रायपुर/ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार ने राज्य के शासकीय सेवकों के महंगाई भत्ते को 53 प्रतिशत किए जाने की अपनी घोषणा को पूरा करके राज्य के लाखों शासकीय सेवकों को होली पर्व से पूर्व सौगात दी है। यह उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ सरकार में कैबिनेट मंत्री […]Read More
करन साहू पाटन 06 मार्प्रच : देश पँचायत सचिव संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष एवं दुर्ग जिलाध्यक्ष महेन्द्र कुमार साहू ने बताया, कि पँचायत सचिवों के मांग शासकीयकरण बजट में शामिल नही होने से क्षुब्ध व आक्रोशित है व मांग पूर्ण नही होने कारण पँचायत विभाग के साथ साथ 29 विभाग के 200 प्रकार के […]Read More
थाना पुरानी भिलाई क्षेत्र में बाहर से आकर अवैध रूप से जुंआ खेल रहे लोगो के उपर की गई कार्यवाही। भिलाई-3/ पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक दिनांक 04.03.2025 को थाना प्रभारी पुरानी भिलाई को टाउन पेट्रेलिंग के दौरान मुखबीर से सूचना प्राप्त हुयी की थाना पुरानी भिलाई क्षेत्रांतर्गत ग्राम रिंगनी नाला के पास बाहरी […]Read More
दुर्ग/ नगर पालिका परिषद् कुम्हारी के नवनिर्वाचित अध्यक्ष एवं पार्षदों का शपथ ग्रहण समारोह आज शासकीय प्राथमिक शाला, बाजार चौक, वार्ड क्रमांक 07, कुम्हारी में आयोजित किया गया।शपथ ग्रहण समारोह में मुख्य अतिथि प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव एवं विशिष्ट अतिथि विधायक श्री डोमनलाल कोर्सेवाड़ा, पूर्व संसदीय सचिव श्री सियाराम साहू उपस्थित थे। एसडीएम […]Read More
दुर्ग/ भारती विश्वविद्यालय, दुर्ग में ‘‘एसिड अटैक की विभीषिका’’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अत्यंत संवेदनशील एवं ज्वलंत विषय पर कार्यशाला में डॉ. नवप्रीत कौर, सह-संस्थापक एवं उपाध्यक्ष, लक्ष्मी फाउंडेशन, नई दिल्ली, विषय विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित रहीं। विदित हो कि लक्ष्मी फाउंडेशन, नई दिल्ली एक गैर शासकीय समाज सेवी संगठन […]Read More
ओशो- कृष्ण का उत्तर अर्जुन ही पा सकता है। इसलिए गीता बहुत लोग पढ़ते हैं, कृष्ण का उत्तर उन्हें मिलता नहीं। क्योंकि कृष्ण का उत्तर पाने के लिए अर्जुन की चेतना चाहिए।इसलिए मैं नहीं चाहता कि मेरे संन्यासी भाग जाएं पहाड़ों में। जीवन के युद्ध में ही खड़े रहें, जहां सब दाव पर लगा है, […]Read More
ओशो- अगर स्वयं को न जान पाये, और सब भी जान लिया तो वह सारा ज्ञान भी इकट्ठे जोड़ में अज्ञान सिद्ध होगा। अगर अपने को न देख पाये, और सारा जगत देख डाला, चांद—तारे छान डाले, तो भी तुम अन्य ही रहोगे। क्योंकि आख तो उसी को मिलती है, जो स्वयं को देख लेता […]Read More
जो शिक्षा तुम्हारे भीतर वैयक्तिकता विकसित नहीं करती वह शिक्षा
ओशो– मैं एक ऐसी शिक्षा प्रणाली चाहूंगा, जो तुम्हें उत्तर ने दे बल्कि तुम्हारे प्रश्न अधिक तीव्र करे, तुम्हारी बुद्धि अधिक पैनी करे और तुम्हें एक अखंडता प्रदान करे।-ओशो मैंने सुना है, प्रथम विश्वयुद्ध के बाद मनोवैज्ञानिक ने पहली बार आदमी की बुद्धि नापने की कोशिश की। इस काम के लिए सेना बहुत अच्छी जगह […]Read More
आत्मज्ञान के पहले कोई व्यक्ति परोपकारी नहीं हो सकता “ओशो”
ओशो– एक सम्राट बूढ़ा हुआ। उसके तीन बेटे थे और वह बड़ी चिंता में था कि किसको राज्य दें। तीनों ही योग्य और कुशल थे, तीनों ही समान गुणधर्मा थे। इसलिए बड़ी कठिनाई हुई। उसने एक दिन तीनों बेटों को बुलाया और कहा कि पिछले पूरे वर्ष में तुमने जो भी कृत्य महानतम किया हो— […]Read More