जिला संसाधन समूह ( डीआरजी ) उन्मुखीकरण कार्यक्रम संपन्न

 जिला संसाधन समूह ( डीआरजी ) उन्मुखीकरण कार्यक्रम संपन्न

दुर्ग/ जिला प्रशासन एवं यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में 7 एवं 8 फरवरी 2024 को दो दिवसीय युवोदय दुर्ग के दूत कार्यक्रम से संबंधित जिला स्तरीय जिला संसाधन समूह ( डीआरजी ) उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित किया गया। इस उन्मुखीकरण कार्यक्रम में जिला प्रशासन के विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी एवं प्रतिनिधि सहित युवोदय स्वयंसेवकों की भागीदारी रही। यूनिसेफ से राज्य सलाहकार समाजिक व्यवहार परिवर्तन विषय विशेषज्ञ राहिल सूबेदार, अभिषेक त्रिपाठी, छत्तीसगढ़ एग्रिकॉन समिति से दानिश के हुसैन के द्वारा अलग-अलग के विषयों के बारे प्रशिक्षण दिया गया। उन्मुखीकरण के पहले दिन राहिल सूबेदार के द्वारा जिला संसाधन समूह (डीआरजी) की भूमिका, स्वयं सेवकों के द्वारा समस्या की पहचान, एडवोकेसी और जागरूकता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम, मितानिन के सहयोग से कार्य, पोषण विविधता, स्वस्थ्य किशोरावस्था, अपनाए जाने वाले व्यवहार, जीवन कौशल, स्वयं सेवा के फायदे, स्वयं सेवा से विकास, डीआरजी समूह की भूमिका आदि विषय पर प्रशिक्षण दिया गया। सीजी एग्रिकॉन समिति से विशेषज्ञ दानिश के हुसैन के द्वारा मानसिक स्वास्थ्य विषय एवं मानसिक तहत चलाए जाने वाले कार्यक्रम हम होंगे कामयाब, आओ बात करे, मानसिक स्वास्थ्य व्यक्ति के गुण, बायोसामाजिक मॉडल, मनोसामाजिक मॉडल, समाजिक मॉडल एवं मानसिक स्वास्थ्य किशोरावस्था आदि विषय में प्रशिक्षण दिया गया। अभिषेक त्रिपाठी के द्वारा किशोर-किशोरी से जुड़े विषय लैंगिग समता एवं समानता, लैगिंग असमानता के कारण लैगिंग असमानता को दूर करने में हमारी जिम्मेदारी, अनीमिया के लक्षण कारण एवं रोकथाम, स्वास्थ्य एवं किशोरावस्था, स्वथ्य जीवन के मूलभूत आधार, सिकल सेल के लक्षण एवं उपाय मादक पदार्थों के सेवन के लक्षण एवं पहचान, पदार्थ के दुरुपयोग से नुकसान, उपचार एवं पुनर्निर्माण, सामाजिक स्तर प्रशासन एवं हमारी जिम्मेदारी विषय पर प्रशिक्षण दिया गया, बच्चो के पालन पोषण में पालक की जिम्मेदारी विषय पर प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दूसरे दिन विशेषज्ञ अभिषेक त्रिपाठी द्वारा व्यवहार परिवर्तन क्या है, व्यवहार परिवर्तन के द्वारा होने वाले लाभ के विषय पर प्रशिक्षण दिया गया। डीआरजी समूह को 4 ग्रुप में बाटकर ग्रुप एक्टिविट कराया गया जिसमें जिले की समस्या, स्वयं सेवकों की जिम्मेदारी, स्वयंसेवकों की भागीदारी शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में, स्वयं सेवकों से जिला जनपद, पंचायत स्तर पर अपेक्षाए विषय कार्य सूची बनाकर कैसे करना है विषय पर प्रजेंटेशन तैयार कराया गया एवं ग्रुप सदस्यों के द्वारा प्रजेंट किया गया। सभी डीआरजी समूह के द्वारा जिले से विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े समस्याओं के लिए कार्य योजना बनाकर कार्य किया जाएगा एवं शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में युवोदय दुर्ग के दूत स्वयंसेवकों की भागीदारी सुनिश्चित किया जाएगा। कार्यक्रम के समापन से समापन उद्बोधन डीएमसी समग्र शिक्षा के द्वारा दिया गया।