नाड़ी वैद्य के रूप में ख्याति प्राप्त संत बिरेंद्र देशमुख ने सेवा व परोपकार का दिया अनूठा उदाहरण, स्कूल में कमरा बनाने दिए आठ लाख
भूमि पूजन करते ही शुरू हो गया निर्माण कार्य
दुर्ग/ बालोद जिले के ग्राम भेंड़ी (सुरेगांव) निवासी संत गुरुदेव बिरेंद्र कुमार देशमुख ने सेवा भाव और परोपकार का एक अनूठा उदाहरण पेश किया है। उन्होंने अपने खर्चे से दुर्ग जिले के ग्राम नवागांव (पुरदा) में एक स्कूल कमरा बनवाकर देने की न केवल पेशकश की है बल्की इसका भूमिपूजन भी उन्होंने किया। संत गुरुदेव बिरेंद्र कुमार देशमुख का कहना है कि ईश्वर ने जो दिया है उसे वह विभिन्न रूपो में लोगों को ही वापस कर रहे हैं। उन्होंने बच्चों को कई प्रेरणादाई संस्मरण भी सुनाए।सेवाभावी के लिए प्रसिद्ध ग्राम भेंड़ी के संत गुरुदेव वीरेंद्र कुमार देशमुख ने अपने सेवाभावी कार्यों की कड़ी में एक और कड़ी जोड़ दी है। शिक्षा व स्वास्थ्य के लिए सहयोग करने की योजना के तहत वे ग्राम नवागांव में अपने खर्चे से छत्रपति शिवाजी महाराज कक्ष का निर्माण कर रहे हैं। शुक्रवार को उन्होंने स्वयं उपस्थित होकर इसका पूजन किया और साथ में काम का ठेका देकर तत्काल प्रारंभ भी करवा दिया।इस अवसर पर सरपंच तारिणी नेताम, समाज सेवी मन्नू लाल देशमुख, प्रभारी प्राचार्य तोमन लाल देशमुख, व्याख्याता मधुबाला सिंह, सुषमा सिंह, भारती वर्मा, चतुर्भुज देवांगन, तिलेश्वर देशमुख प्राथमिक शाला नगपुरा, शैलेंद्र पारकर एचएम प्राथमिक शाला नवागांव, राजेंद्र अहीर प्राथमिक शाला नवागांव, प्रीति कन्नौजे प्राथमिक शाला पथरिया, शिक्षक हेमलता देवांगन,ज्योति ठाकुर आदि उपस्थित थे।कई रोगों को दूर करने के लिए प्रसिद्ध हैं संत गुरुदेव
संत गुरुदेव बिरेंद्र कुमार देशमुख लकवा, वात, कैंसर, अस्थमा सहित कई रोगों को दूर करने दवाई देते हैं। इसके एवज में लोगों से वे सामान्य शुल्क लेते हैं, जबकि गरीबों की वे निशुल्क इलाज करते हैं। ग्राम भेंड़ी में एक विशाल मंदिर भी इन्होंने बनवाया है जहां कामधेनु की विशाल प्रतिमा सहित काली माता की मूर्ति की प्रतिमा विराजित की गई है। यहीं पर वे लोगों का इलाज भी करते हैं। कामधेनु की प्रतिमा बनाने कोलकाता, जगन्नाथपुरी, इलाहाबाद आदि से मिट्टी और बालू लाई गई है। साथ ही पेड़ पौधों की गुदा व विशेष पत्थरों से निर्माण किया गया है।नांदगांव में 17 एकड़ में बनेगा आश्रम
संत गुरुदेव बिरेंद्र कुमार देशमुख ने बताया कि राजनांदगांव में 17 एकड़ में विभिन्न आश्रम खोले जाएंगे। यहां पागलों के इलाज के लिए विशेष सुविधा रहेगी, जो निशुल्क रहेगी। इसके अलावा अमृत आश्रय, मुक बधिर, ध्यान साधना केंद्र, गुरुकुल व गौशाला भी प्रारंभ किए जाएंगे। यह सभी निशुल्क रहेगा। यहां पर सभी कार्यों का भूमि पूजन भी हो गया है।
जो भी लिया यहीं लिया जो भी दिया यहीं दिया
स्कूल में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संत बिरेंद्र देशमुख ने बच्चों को कई उदाहरणों से प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि हम इस दुनिया में आए हैं तो कुछ भी लेकर नहीं आए जो भी लिए यही से लिए और जो भी देना है यहीं देना है। उन्होंने बताया कि उनके पास इलाज के लिए आने वाले लोगों से एक सप्ताह की दवाई जब वह देते हैं तो दवाई के खर्च के अलावा सिर्फ 10 रुपए लेते हैं। इस तरह एक महीने की दवाई में दवाई के खर्च के अलावा सिर्फ 40 रुपए ही लेते हैं और जो पैसे लेते हैं उसे वह हमेशा दान और परोपकारी कार्य में लगाते हैं। उन्होंने बताया कि इससे गरीब बच्चियों की शादी में सहयोग के रूप में हमेशा बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं। देशमुख ने बताया कि शिक्षा और स्वास्थ्य दो ऐसे क्षेत्र है जिसमें वह हमेशा योगदान देने तत्पर रहते हैं। इसी तारतम्य में में ही यहां एक 40 गुना 20 का भवन छत्रपति शिवाजी के नाम पर बनवाकर देने वे प्रतिबद्ध हैं।स्वच्छ धरा की टीम ने किया स्वच्छता के लिए प्रेरित
आयोजित कार्यक्रम में स्वच्छ धरा की टीम समिति के प्रमुख नवनीत हरदेल के नेतृत्व में पहुंची। नवनीत हरदेल ने देश में चलाए जा रहे स्वछता अभियान को लेकर बच्चों को जानकारी दी। साथ ही स्वच्छता का महत्व बताते हुए स्वच्छता को लेकर हमेशा जागरूक रहने की बात कही। उन्होंने कहा कि हम रास्ता चलते या घर पर हों जहां कहीं पर भी कचरा देखें उसे रास्ते से हटाए और एक जगह उसे एकत्रित करने की कोशिश करें। टीम में संयोजक ऋषि प्रसाद देशमुख, भीषम देशमुख, लीलेश्वर देशमुख, पीतांबर चंद्रवंशी, तोमेश देशमुख, मुकेश देशमुख आदि मौजूद रहे।