राज्य के अन्य सामग्रियों को भी विदेशों में निर्यात करने बढ़ावा दिया जाए-डॉ.व्ही.श्रमन,जिला को निर्यात केन्द्र बनाने एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित

 राज्य के अन्य सामग्रियों को भी विदेशों में निर्यात करने बढ़ावा दिया जाए-डॉ.व्ही.श्रमन,जिला को निर्यात केन्द्र बनाने एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित

दुर्ग/छत्तीसगढ़ राज्य में जिला को निर्यात केन्द्र बनाने के लिए आज एक निजी होटल में भारत सरकार वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय डायरेक्टरेट जनरल ऑफ़ फॉरेन ट्रेड (डीजीएफटी) एवं जिला प्रशासन दुर्ग के संयुक्त तत्वाधान में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन विदेश व्यापार नागपुर के अपर महानिदेशकडॉ.व्ही.श्रमन की अध्यक्षता में किया गया। डीजीएफटी नागपुर के अंतर्गत 49 जिले शामिल है। इनमें महाराष्ट्र के 12 और मध्यप्रदेश के 04 और छत्तीसगढ़ के 33 जिलों को एक निर्यात केन्द्र में बदलने के लिए कार्य शाला का आयोजन किया गया था।डॉ. व्ही. श्रमन ने अपने सम्बोधन में कहा कि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नागपुर के अंतर्गत वर्तमान में 49 जिला को निर्यात केन्द्र बनाया गया है। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में सभी जानकारी आपको ऑनलाइन अपडेट घर बैठे पंजीयन करने के आसान तरीके है। इसके साथ ही पोर्टइकोस्पोर्ट, कस्टम ड्यूटी, बैंकिंग कार्य, डाकघर निर्यात, कन्टेनर के माध्यम से निर्यात, ई-कॉमर्स कस्टम ड्यूटी, बिल एंट्री, सिपिंग बिल, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, आदि जानकारी दी गई है। जहां विशेषज्ञों के द्वारा ई-कॉमर्स निर्यात घर बैठे ऑनलाईन की जानकारी, बैकिंग सुविधा आदि डीजी.एफ.टी के टीम के द्वारा बताया गया।राज्य में चावल के साथ स्टील, एल्युमिनियम, लोहा के साथ वन संपदा भरपूर मात्रा में पाई जाती है अब विदेशों से भी इसकी मांग की जा रही है। छत्तीसगढ़ राज्य को औद्योगिक रूप से आगे बढ़ाने के साथ ही छोटे एंव मध्यम उद्योग को बढ़ावा दिया जाना है। ताकि लोगों को स्थानीय स्तर पर बेहतररोजगार मिल सके। कार्यशाला का उद्देश्य है कि राज्य के अन्य सामग्रियों को भी विदेशों में निर्यात करके बढ़ावा दिया जाए।इस अवसर पर डीजीएफटी डॉ. व्ही. श्रमन, बैंक ऑफ महाराष्ट्र के जोनल मैंनेजर अभिलांष दास, ब्रांच मैनेजर ईसीजीसी सौरभ वर्मा एवं संग्राम केसरी बिसोई, भारतीय डाक विभाग सीमा श्रीवास्तव, जिला उद्योग विभाग के अधिकारी अभिषेक त्रिपाठी, सोनाली मोरई और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।