पौधारोपण अभियान, 58 दिनों में पांच हज़ार तीन सौ से ज्यादा पौधे लगाए गए

 पौधारोपण अभियान, 58 दिनों में पांच हज़ार तीन सौ से ज्यादा पौधे लगाए गए

महापौर एवं आयुक्त ने शहर के नागरिकों एवं समाजसेवी संस्थानों से अपील की,पर्यावरण के संरक्षण हेतु हर एक व्यक्ति एक पौधा जरूर लगाए

दुर्ग / नगर पालिक निगम हरियर शहर के लिए शहर की सुंदरता को बढ़ाने शहर में लगातार पौधारोपण किया जा रहा है। शहर के सार्वजनिक स्थानों में छायादार एवं फलदार पौधे रोपित किए जा रहे हैं। शहर में अब तक पांच हज़ार तीन सौ पचास वृक्षों का रोपण किया जा चुका है।पांच जून से अभियान की शुरुआत की गई है। पुलगांव स्थित गौठान में हरियर शहर योजना के तहत सबसे पहले पौधे रोपे गए। विधायक, अरुण वोरा महापौर धीरज बाकलीवाल, आयुक्त लोकेश चन्द्राकर सभापति राजेश यादव, पर्यावरण प्रभारी सत्यवती वर्मा, एमआईसी सदस्य और पार्षदो एवं अधिकारियों ने सैंकड़ों की संख्या में पौधा रोपण किया था। गौरवपथ, स्टेशन रोड ग्रीन चौक, शिवम तक के डिवाइडरों में जेल तिराहा से लेकर महाराजा चौक, नेहरू नगर से लेकर मिनी माता चौक तक केडिवाइडरों में और सड़क किनारे एवं जीई रोड, स्टेशन रोड सर्किट हाऊस केपीछे, शिवनाथ नदी महमरा मुक्तिधाम मार्ग के दोनों ओर बादाम, कदम,नीम कोनो कपास, कनेर फॉस्टल पाम, चंपा, गुलमोहर, अमलताश, नील मोहर, स्पाइडर लिली आदि तथा सड़क के बीच जीई डिवाइडर में पौधे लगाए गए हैं और सड़क के दोनों ओर पौधारोपण किया जा रहा। एमएलडी फिल्टर प्लांट से साइंस कालेज और शहर के मुख्य मार्ग से जुड़े अन्य मार्ग, शासकीय कार्यालय भवन, आंगनबाड़ी केन्द्र, अस्पताल, तालाबो के चारों तरफ, शासकीय व अर्थशासकीय स्कूलों जैसे आत्मानंद स्कूल दीपक नगर, शासकीय आदर्श कन्या विद्यालय सिविल लाइन, शहर के उद्यानो, रिक्तशासकीय भूमि के अलावा वार्डाे में सघन वृक्षारोपण किया जा रहा हैं इसके अलावा और भी जगह वृक्षारोपण करने के निर्देश दिए हैं। महापौर धीरज बाकलीवाल एवं आयुक्त लोकेश चन्द्राकर ने शहर के नागरिकों एवम समाजसेवी संस्थानों से अपील की है, कि पर्यावरण के संरक्षण हेतु सघन वृक्षारोपण अभियान हरियर दुर्ग शहर में भाग लें। उद्यान प्रभारी अनिल सिंह ने जानकारी में बताया कि नगर निगम के द्वारा वार्डाे व नागरिको को निःशुल्क पौधे वितरण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भीषण गर्मी के दौरान मार्च में शिवनाथ नदी मुक्तिधाम मार्ग पर 117 बड़े पेड़ लगाए गए थे जिसमें लगाए गए सारे पेड़ आज भी जीवित है।