किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 के अंतर्गत,किशोर न्याय बोर्ड के संबंध में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई

 किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 के अंतर्गत,किशोर न्याय बोर्ड के संबंध में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई

दुर्ग / छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के निर्देशन पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के तत्वाधान में एवं जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, दुर्ग नीता यादव के मार्गदर्शन में नालसा की गाईड लाईन्स अनुसार किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 के संबंध में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन आज जिला न्यायालय दुर्ग के सभागार स्थल पर आयोजित की गयी है।उक्त आयोजित कार्यशाला में प्रमुख रूप में  जनार्दन खरे, प्रधान मजिस्ट्रेट किशोर न्याय बोर्ड, दुर्ग  आशीष डहरिया, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, दुर्ग,  संजय पुंढीर डी.एस.पी. दुर्ग,  सुदर्शन महलवार, चीफ लीगल एड डिफेंस कौंसिल सिस्टम दुर्ग तथा  नीता जैन, अध्यक्ष जिला अधिवक्ता संघ, दुर्ग के अतिरिक्त बाल कल्याण अधिकारी, विशेष किशोर पुलिस इकाई, अधिवक्तागण, बाल कल्याण समिति के सदस्य, बाल गृह के परिवीक्षा अधिकारी, पुलिस कर्मचारीगण तथा पैरालीगल वालेन्टियर सम्मिलित हुए।किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 के अंतर्गत ’’किशोर न्याय बोर्ड’’ के संबंध आयोजित इस एक दिवसीय कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए  जनार्दन खरे, प्रधान मजिस्ट्रेट किशोर न्याय बोर्ड, दुर्ग द्वारा कार्यशाला में उपस्थितजनों को किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 की विस्तृत जानकारी देते हुए बालकों/विधि के साथ संघर्षरत बालक द्वारा कारित किये जाने वाले अपराध के संबंध में उक्त अधिनियम के तहत पुलिस की भूमिका के बारे में बताते हुएकार्यशाला में उपस्थित पुलिस कर्मचारियों के द्वारा पूछे गये विभिन्न प्रश्नों का विधिनुरूप समुचित उत्तर देते हुए उनकी शंकाओं का समाधान किया गया।रिसार्स पर्सन  सुदर्शन महलवार चीफ लीगल एड डिफेंस कौंसिल सिस्टम दुर्ग ने अपने उद्बोधन में प्रमुख रूप से किशोर के संबंध में गंभीर अपराधों की परिभाषा एवं तत्संबंध में पुलिस द्वारा थाने में की जाने वाली कार्यवाही को बताते हुए किशोर न्याय अधिनियम में पुलिस जॉच की प्रक्रिया एवं प्रावधान के बारे में बताया गया। सुश्री नीता जैन अध्यक्ष जिला अधिवक्ता संघ, दुर्ग द्वारा अपने उद्बोधन में छोटे बच्चों के द्वारा कारित किये जाने वाले अपराध को ठीक करने इन बच्चों के परिवार, माता-पिता तथा सामाजिक संगठनों से मदद लेते हुए/बैठकें आयोजित कर इन बालकों/विधि के साथ संघर्षरत बालक द्वारा कारित किये जाने वाले अपराध को काफी हद तक कम किया जा सकना बताया गया।