राज्य महिला आयोग द्वारा 39 प्रकरणों की हुई सुनवाई
दुर्ग / छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने आज जिला पंचायत सभा कक्ष में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर जनसुनवाई की। छतीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज जिले की 19वी सुनवाई हुई जिसमें कुल 39 प्रकरणों पर सुनवाई की गई।एक प्रकरण में भिलाई महिला महाविद्यालय की सहायक प्रध्यापक को वर्ष 2020 से बहाल कर दिया गया औरउनको पुराना वेतन व भत्ता भी दिया गया है। आयोग ने पिछली सुनवाई में कलेक्टर दुर्ग को ट्रस्ट अपने पजेसन में लेने का निर्देश दिया गया था। आयोग के सुनवाई के बाद वर्ष 2020 में सभी को बहाल किया गया और सभी अपना कार्य महाविद्यालय में कर रही है व वेतनभत्ता भी मिल रहा है। इस वजह से प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया। आयोग ने कहा कि शिकायत का पूरा निराकरण आयोग में किया गया। भविष्य में यदि परेशान किया गया तो वह दुबारा आयोग में शिकायत कर सकती है। अन्य प्रकरण में आवेदिका ने सम्पत्ति विवाद का आवेदन प्रस्तुत किया था। जिसमें पारिवारिक भूमि व सम्पति का विस्तृत उल्लेख नहीं किया गया है। आवेदिका ने अपना आवेदन आघा अधूरा बनाया है इसलिए आयोग द्वारा आवेदिका को कार्यालय में व्यक्तिगत उपस्थित होकर विस्तृत रूप में लेख कर प्रस्तुत करने पर पुनः सुनवाई हेतु निर्देशित किया गया। अन्य प्रकरण में आवेदिका का आवेदन अधूरा एवं अस्पष्ट है। अनावेदक ने एक दस्तावेज प्रस्तुत किया कि प्रबंध संचालक, समग्र शिक्षक छ.ग. रायपुर का आदेश 15 जून 2023 के अनुसार आईसेक्ट कंपनी को काली सूची में डाला गया है। इसी कंपनी के व्दारा आवेदिका संविदा नियुक्ति में दानी स्कूल रायपुर में कार्यरत थी। आवेदिका चाहे तो आई सेक्ट कंपनी के खिलाफ पुनः 01 नया आवेदन प्रस्तुत कर सकती है। ताकि उनके समस्याओं के समाधान के लिए आईसेक्ट कंपनी के खिलाफ कार्यवाही की जा सके। इस निर्देश के उपरांत प्रकरण नस्तीबध्द किया गया।अन्य प्रकरण में आवेदिका ने शासकीय भुगतान रोकने के मामले पर शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि शासकीय आयोजन के लिए वरिष्ठ अधिकारी ने मौखिक आदेश दिया था। जिस पर आवेदिका ने अपने वेतन से पैसानिकालकर शासकीय आयोजन किया था।जिसके लिए 39 हजार रू. का भुगतान आवेदिका को अनावेदक से लेना था जिसमें से महज 14 हजार रु आवेदिका को मिले एवं शेष 25 हजार रू देने के लिए अनावेदक तालमटोल कर रहा है। अनावेदक का कहना था कि आवेदिका व्दारा प्रस्तुत देयक त्रुटिपूर्ण है, जिसे संशोधन नहीं किया गया है। अनावेदक उसके लिए बजट अनुमोदन लेकर भुगतान करने के लिए तैयार है। आयोग की समझाईश पर दोनों पक्ष आपसी रजामंदी को तैयार है। उन्हें 02 माह का समय दिया गया। इस स्तर पर प्रकरण की सुनवाई 02 माह बाद रायपुर में की जाएगी।एक अन्य प्रकरण में किन्नर समाज दुर्ग के द्वारा गौरिया समाज भटगांव वाले के खिलाफ शिकायत दर्ज किया गया था। जिसमें आयोग द्वारा कोतवाली थाना दुर्ग को निर्देशित किया गया है कि उन्हें पकड़कर उनके खिलाफ उचित कार्यवाही किया जाए। एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अपने भाई के खिलाफ आरोप में शिकायत दर्ज कराया था कि भाई ने उसका गहना व स्कूटी रख लिया है। आज सुनवाई के दौरान आवेदिका ने बताया कि उसके भाई द्वारा गहना व स्कूटी के बदले 60 हजार रूपए उसे दे दिए गए हैं। शेष 20 हजार रूपए देने की बात कह रहा है। जिसे वह 5 हजार रूपए प्रतिमाह किस्त में देगा। आवेदिका ने कहा कि आपसी राजीनामा हो जाने के कारण आयोग से अपना प्रकरण समाप्त करना चाहती है। अतः आयोग ने प्रकरण को नस्ती बद्ध किया। इस अवसर पर संबंधित विभागीय अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।