हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी को दी जमानत, कहा- पीड़िता शिक्षित है, उसने स्वयं परेशानी को आमंत्रित किया, घटना के लिए वह खुद जिम्मेदार

 हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी को दी जमानत, कहा- पीड़िता शिक्षित है, उसने स्वयं परेशानी को आमंत्रित किया, घटना के लिए वह खुद जिम्मेदार

कोर्ट ने कहा पीड़िता ने स्वयं एफआईआर में स्वीकार किया है कि वह स्वेच्छा से दिल्ली के एक बार में अपनी तीन महिला मित्रों के साथ गई, जहां उसने शराब पी और वह नशे में आ गई। बार में वह सुबह 3 बजे तक रुकी रही। इस दौरान आरोपी ने उसे अपने घर चलने को कहा…

प्रयागराज/ इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी को जमानत देते हुए कहा कि दोनों पक्ष बालिग हैं और पीड़िता एक शिक्षित युवती है। ऐसे में उन्हें अपने फैसलों के कानूनी व नैतिक परिणाम समझने चाहिए थे। यदि पीड़ित के आरोप सही मान भी लें तो यह कहा जा सकता है कि उसने स्वयं परेशानी को आमंत्रित किया है। वह खुद घटना के लिए जिम्मेदार है। यह टिप्पणी करते हुए न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह की एकल पीठ ने निश्चल चांडक की जमानत अर्जी स्वीकार कर ली।

कोर्ट ने कहा पीड़िता ने स्वयं एफआईआर स्वीकार किया है कि वह स्वेच्छा से दिल्ली के एक बार में अपनी तीन महिला मित्रों के साथ गई, जहां उसने शराब पी और वह नशे में आ गई। बार में वह सुबह 3 बजे तक रुकी रही। इस दौरान आरोपी ने उसे अपने घर चलने को कहा। नशे की हालत में सहारे की आवश्यकता होने पर वह उसके साथ जाने को तैयार हो गई। रास्ते में आरोपी उसे एक फ्लैट ले गया और घटना को अंजाम दिया।

गौतमबुद्ध नगर के थाना-सेक्टर 126 में पीड़िता ने आरोपी पर दुष्कर्म की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। आरोपी 11 दिसंबर 2024 से जेल में है। उसने जमानत के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की। याची के अधिवक्ता ने दलील दी कि यदि सारे आरोप सत्य भी मान लिए जाएं तो यह मामला दुष्कर्म का नहीं बल्कि दोनों के बीच सहमति से बने संबंध का है। जमानत दी जाती है तो वह दुरुपयोग नहीं करेगा। वहीं राज्य सरकार के जमानत का विरोध किया।

न्यायालय ने कहा कि परिस्थितियों, अपराध की प्रकृति, साक्ष्यों, आरोपी की संलिप्तता और दलीलों को ध्यान में रखते हुए मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि आवेदक ने जमानत के लिए मामला बनाया है। अतः यह जमानत याचिका स्वीकृत की जाती है।