रेत का अवैध खनन, ठेकेदार के साथ पंचायत प्रतिनिधियों को कलेक्टर ने भिजवाया 4 करोड़ की वसूली का नोटिस
गरियाबंद/ परसदा जोशी के पंचायत प्रतिनिधियों के साथ मिलीभगत कर ठेकेदार ने रेत खदान की लीज अवधि खत्म होने के बाद भी अवैध खनन कर डाला। बीती सरकार ने तो मामले में कोई कार्रवाई नहीं की, लेकिन सरकार बदलने के बाद अब जिम्मेदारों को 4 करोड़ 25 हजार रुपए की वसूली का नोटिस थमा दिया गया है।
बता दें कि राजिम तहसील के परसदा जोशी पंचायत क्षेत्र के घाट में हुए बहुचर्चित अवैध रेत खनन के मामले में प्रशासन अब दोशियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। अवैध खनन के खिलाफ माइनिंग विभाग ने कार्रवाई करते हुए 4 अक्टूबर को खदान के तत्कालीन ठेकेदार संकल्प जँघेल, पूर्व सरपंच परसदा जोशी और सुनीता सोनी, सरपंच पति व पंच बेनराज सोनी, ग्रामीण हार्दिक सोनवानी के नाम नोटिस तामिल किया है. नोटिस में गौण खनिज अधिनियम के उल्लंघन के कारण गरियाबंद कलेक्टर द्वारा 4 करोड़ 25 हजार रुपए अर्थ दंड अधिरोपित किया गया है, जिसे पटाना सुनिश्चित करें।
दरअसल, माइनिंग विभाग द्वारा परसदा जोशी खदान का लीज पट्टा 17/11/21 से16/11/23 तक के लिए जारी किया गया था, लेकिन ठेकेदार व पंचायत प्रतिनिधियों ने मिलीभगत कर लीज अवधि खत्म होने के बावजूद 80 हजार घन मीटर की अवैध खुदाई कर डाली। मामले की शिकायत के बाद राजस्व विभाग की टीम ने 10 जनवरी 2024 को मौका जांच किया था। विभाग के प्रतिवेदन में स्वीकृत रेत खदान क्र. 1 व 2 के लिए चिन्हांकित रकबा में 80 हजार घन मीटर का अवैध खनन बताया गया।
यह मामला तत्कालीन कांग्रेस सरकार की विदाई बेला में सामने आया था। तब मामले में किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई थी। नई सरकार के आने के बाद विधायक धरमलाल कौशिक ने ध्यान आकर्षण सूचना के माध्यम से 13 फरवरी को मामला सदन के पटल में रखा था। जिसके बाद प्रशासन हरकत में तो आई, लेकिन कार्रवाई करने में आठ माह का वक्त लगा दिया।
मामले में जिला माइनिंग अधिकारी फागुलाल नागेश ने कहा कि राजस्व विभाग के कार्रवाई में बहुत कुछ स्पष्ट नहीं था, दोबारा पत्राचार किया गया। 24 सितंबर को दोबारा तहसील राजिम का प्रतिवेदन आया, जिसे कलेक्टर के समक्ष रखा गया। उनके निर्देश के आधार पर अर्थ दंड वसूली हेतु संबंधित को नोटिस जारी किया गया है।