प्रिंस और पार्थ (जुड़वा बच्चों) ने दी कुपोषण को मात

 प्रिंस और पार्थ (जुड़वा बच्चों) ने दी कुपोषण को मात

जन्म से समय महज़ 1.6 किग्रा था वजन, आँगनवाड़ी के माध्यम से निरंतर मॉनिटरिंग की बदौलत 9 माह में ही लगभग 8 किग्रा हुआ बच्चों का वज़न

दुर्ग/ यह कहानी परियोजना दुर्ग ग्रामीण सेक्टर उतई के ग्राम रिसामा के दो जुड़वा बच्चों प्रिंस और पार्थ की है। माता राजेश्वरी, पिता रविशंकर तथा परिवार को जैसे ही नए बच्चे के आगमन का पता चला, पूरे परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई। माता का रजिस्ट्रेशन आंगनबाड़ी में हुआ और उसे सभी सेवाओं का लाभ और समझाइश आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लीला ठाकुर के द्वारा दिया जाने लगा। सही समय पर माता हॉस्पिटल में भर्ती हुई और 9 दिसंबर 2023 को दो प्यारे-प्यारे जुड़वा बच्चों का जन्म हुआ। लेकिन दोनों बच्चों में से पार्थ का वजन 2 किलो और प्रिंस का वजन सिर्फ 1.6 किलो था। अब पूरे परिवार की परीक्षा की घड़ी थी, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और सब बच्चों को सुपोषित करने में भीड़ गए। बच्चे को पहले 10 दिन तक हॉस्पिटल में रखा गया और उनको कंगारू मदर केयर दिया गया। जब दोनों बच्चों को घर में लाया गया, अभी भी दोनों बच्चों का वजन बहुत ज्यादा नहीं बढ़ा था। परिवार में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन, एएनएम, सेक्टर पर्यवेक्षक प्रमिला वर्मा ने लगातार गृहभेट किया। माता और पूरे परिवार को कंगारू मदर केयर अंतर्गत थोड़ी-थोड़ी देर में बच्चों को शरीर से लगाकर रखने की समझाइश दी गई। जिससे बच्चा गर्म रहे, साथ ही माता को साफ सफाई और अपने खान पान पर विशेष ध्यान देने के लिए बताया गया ताकि दूध अच्छे से बने। मां द्वारा 6 माह तक सिर्फ और सिर्फ स्तनपान करवाया गया, 6 माह पूरा होते ही कार्यकर्ता की निगरानी में ऊपरी आहार की शुरुआत की गई।
कार्यकर्ता और पर्यवेक्षक के लगातार गृहभेट से अब 9 माह के हो चुके दोनों बच्चे पोषण माह के वजन त्योहार में लिए गए वजन में सामान्य की श्रेणी में हैं। जिसमें पार्थ का वजन 8.51 तथा प्रिंस का वजन 7.91 किलो है। दोनों बच्चों के वजन बढ़ने तथा अब सामान्य श्रेणी में होने से परिवार बहुत खुश है।