वन विभाग के कार्यशैली पर उठ रहे सवाल, मरादेव में फॉरेस्ट ने पहले रास्ता बंद किया, अब फिर से खुल गया रास्ता
धमतरी-गंगरेल के मरादेव में एक रिसॉर्ट जाने के रास्ते को वन विभाग ने वनभूमि में बने होने का हवाला देते हुए सड़क को जेसीबी से उखाड़ कर बंद कर दिया था। वही कार्रवाई करने वाले रेंजर का तबादला होते ही वंहा सड़क फिर से शुरू हो गया। जिसकी कानोंकान जानकारी परिक्षेत्र अधिकारी को नही है। ऐसे में अब वन विभाग की कार्रवाई को लेकर सवाल उठना शुरू हो गया है।
गौरतलब है कि मरादेव में एक जमीन कारोबारी ने ऑलीशान रिसॉर्ट का निर्माण किया है। लेकिन रिसॉर्ट तक जाने वाले रास्ते को लेकर शिकायत हुआ, और जिस जमीन में सड़क बनी हैं उसको लेकर वन विभाग ने जांच किया। जांच में पता चला कि ग्राम मरादेव के दो आदिवासी परिवार को जीवन यापन के लिए उस जमीन का वन अधिकार पट्टा दिया गया था। जिसमें अवैध रूप से रास्ता का निर्माण किया गया है। जिसके बाद तत्कालीन रेंजर महादेव कन्नौजे टीम के साथ जेसीबी लेकर मौके पर पहुंचा और सड़क को जेसीबी से उखाड़ कर बंद कर दिया। वही कार्रवाई के कुछ महिनों बाद ही सड़क फिर से खुल गया है। अब ऐसे में सवाल उठ रहा है कि रिसॉर्ट मालिक को फिर से रास्ता चालू करने के लिए किसने अनुमति दी है। जो एक जांच का विषय है। और जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई भी होनी चाहिए।
वनमण्डलाधिकारी शमा फारूखी ने कहा कि उन्हे इस मामले की कोई जानकारी नही है, कहा कि मै इस संबंध में जानकारी ले लेती हूं, अगर वन भूमि में रास्ता बना होगा तो कार्रवाई होगी।